जब बेरोजगारी पर कंट्रोल, विपक्ष आउट ऑफ कंट्रोल ?

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। इसी के तहत कांग्रेसियों ने राजधानी देहरादून में बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ विशाल पदयात्रा निकाली है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद एक तरफ जहां बेरोजगारी बढ़ी है तो दूसरी ओर महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है। पेट्रोल-डीजल के साथ ही सभी चीजों के दाम बेतहाशा बढ़ते जा रहे हैं लेकिन सरकार धार्मिक मुद्दों के सहारे ध्रुवीकरण की राजनीति कर जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है। वहीं एक तरफ जहां कांग्रेसी महंगाई बेरोजगारी पर सत्तापक्ष को घेर रहे हैं तो दूसरी ओर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग यानि की (यूकेपीएससी) ने रोजगार के मुद्दे पर सीएम धामी की जमकर सराहना की है। आयोग का दावा है कि धामी सरकार ने एक वर्ष के कार्यकाल में इतनी भर्ती कर दी है जितनी की राज्य के 22 सालों के इतिहास में किसी भी सरकार ने नहीं की है। यूकेपीएससी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक धामी सरकार ने एक वर्ष के कार्यकाल में 6635 भर्ती की हैं, जबकि पिछले 22 वर्षों के दौरान 6869 भर्तियां ही हुई। अभी तक 3040 अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किए जा चुके हैं, जबकि 3595 अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम तैयार किया जा रहा है….वहीं विपक्ष ने आयोग के इस दावे को हवाई हवाई बताया है

 

 चुनावी तैयारियों के बीच उत्तराखंड में बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा तेज कर दिया है। इसी के तहत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में विशाल पदयात्रा देहरादून में निकाली गई…पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर उत्तराखंड राज्य में है। राज्य में 93 हजार से ज्यादा पद खाली है। लेकिन सरकार इन्हें भरने को तैयार नहीं है……इसको देखते हुए कांग्रेस ने सरकार को जगाने के लिए पदयात्रा निकाली है, जल्द सरकार ने बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं दिया तो कांग्रेस को मजबूरन उग्र आंदोलन करना होगा…वहीं सत्तापक्ष ने हरीश रावत की इस पदयात्रा को राजनीतिक स्टंट करार दिया है

वहीं एक तरफ जहां बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस पदयात्रा निकाल रही है तो दूसरी ओर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग यानि की (यूकेपीएससी) ने रोजगार के मुद्दे पर सीएम धामी की जमकर सराहना की है। आयोग का दावा है कि धामी सरकार ने एक वर्ष के कार्यकाल में इतनी भर्ती कर दी है जितनी की राज्य के 22 सालों के इतिहास में किसी भी सरकार ने नहीं की है। यूकेपीएससी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक धामी सरकार ने एक वर्ष के कार्यकाल में 6635 भर्ती की हैं, जबकि पिछले 22 वर्षों के दौरान 6869 भर्तियां ही हुई। अभी तक 3040 अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किए जा चुके हैं, जबकि 3595 अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम तैयार किया जा रहा है….वहीं विपक्ष और बेरोजगार संघ ने आयोग के इस दावे को हवाई हवाई बताया है…जबकि सत्तापक्ष ने इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बड़ी उपलब्धि बताया है

कुल मिलाकर उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष ने सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया है जबकि सत्तापक्ष मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए नहीं थक रहा है। इनसबके बीच उत्तराखंड लोक सेवा आयोग रोजगार के मुद्दे पर सीएम धामी की जमकर सराहना कर रहा है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या आयोग के दावे हवा हवाई है,

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