पीआरडी जवानों की गुहार, अधिकारी करते अत्याचार !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में पीआरडी जवानों के शोषण का मामला गरमा गया है। दअरसल पीआरडी के जवानों ने उच्च अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं….जवानों का आरोप है कि अधिकारी पीआरडी जवानों से कुत्ता घुमाने और बर्तन मंजवाने का काम करवाते है….इस शोषण से परेशान कई पीआरडी जवानों ने कार्यक्रम के दौरान जमकर हंगामा भी काटा… साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी शिकायत की…..वहीं पीआरडी जवानों के इन गंभीर आरोपों पर सरकार ने जांच बैठा दी है। युवा कल्याण निदेशालय ने देहरादून के जिला युवा कल्याण अधिकारी को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। आपको बता दें कि प्रांतीय रक्षक दल के स्थापना दिवस के मौके पर पीआरडी के कुछ जवानों ने उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि पीआरडी जवानों से अधिकारी 24- 24 घंटे काम कराते हैं। अधिकारी घर पर बर्तन मंजवाने के साथ ही कुत्ता घुमाने और घर के निजी काम भी कराते हैं। वहीं पीआरडी के कुछ जवान इस संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से भी मिलना चाहते थे लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। हालांकि बाद में उन्होंने कैबिनेट मंत्री के सामने अपना विरोध दर्ज कराया। वहीं विभाग ने शिकायत करने वाले पीआरडी जवानों पर ही कार्रवाई कर दी है जिसके बाद राजनीति और गरमा गई और विपक्ष ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

उत्तराखंड में पीआरडी जवानों का शोषण हो रहा है….नियम कानून बनाने वाले अधिकारी ही पीआरडी जवानों से कुत्ता घुमाने और बर्तन मंजवाने का काम कर रहे हैं….ये आरोप खुद पीआरडी के जवानों ने लगाए हैं…और इसकी शिकायत भी मुख्यमंत्री से की है.. वहीं पीआरडी जवानों के इन गंभीर आरोपों पर सरकार ने जांच बैठा दी है। युवा कल्याण निदेशालय ने देहरादून के जिला युवा कल्याण अधिकारी को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। आपको बता दें कि प्रांतीय रक्षक दल के स्थापना दिवस के मौके पर पीआरडी के कुछ जवानों ने उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि पीआरडी जवानों से अधिकारी 24- 24 घंटे काम कराते हैं। अधिकारी घर पर बर्तन मंजवाने के साथ ही कुत्ता घुमाने और घर के निजी काम भी कराते हैं।

 

आपको बता दें कि प्रांतीय रक्षक दल के स्थापना दिवस के मौके पर पीआरडी के कुछ जवानों ने उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि पीआरडी जवानों से अधिकारी 24- 24 घंटे काम कराते हैं। पीआरडी के कुछ जवान इस संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से भी मिलना चाहते थे लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। हालांकि बाद में उन्होंने मंत्री रेखा आर्य के सामने अपना विरोध दर्ज कराया। वहीं खेल एंव युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्य ने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं विभाग ने शिकायत करने वाले पीआरडी जवानों पर ही कार्रवाई कर दी है…जिसके बाद राजनीति और गरमा गई और विपक्ष ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कुल मिलाकर पीआरडी जवानों का उत्पीडन बेहद गंभीर है…जो जवान आपदा के समय, ट्रैफिक व्यवस्था संभालने समेत तमाम कार्यों में सहयोग करते हैं उन्ही का शोषण किया जाना बेहद गंभीर है। और जो अधिकारी नियम कायदे कानून बना रहे हैं…वो खुद ही कानून का उल्लंघन कर जवानों का उत्पीडन कर रहे हैं…ऐसे में सवाल ये है कि आखिर कबतक सरकार ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी…क्या जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होगी या जांच अपने अंजाम तक भी पहुंचेगी

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