KNEWS DESK- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर बड़ा फैसला सुनाया है। आपको बता दें कि कोर्ट ने विवादित जमीन का सर्वे एडवोकेट कमिश्नर के जरिए कराए जाने की मांग को भी मंजूरी दे दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसके लिए 3 कमिश्नर भी नियुक्त कर दिए गए हैं। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह का मामला वर्षों से कानूनी दांव-पेच में फंसा हुआ है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का सर्वे कराने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसको लेकर महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट कमिश्नर विवादित परिसर का सर्वेक्षण करेंगे। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। हाईकोर्ट में श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से इसको लेकर अर्जी दाखिल की गई थी। अर्जी में एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वे कराए जाने की मांग की गई थी। अर्जी पर सुनवाई होने के बाद जस्टिस मयंक कुमार जैन ने 16 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
13.37 एकड़ जमीन का मामला
हाईकोर्ट में लीडिंग सूट भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव के नाम से रंजन अग्निहोत्री की ओर से दाखिल की गई है। याचिकाओं में 12 अक्टूबर 1968 को हुए समझौते को अवैध बताया गया है। इसके साथ ही समझौते के तहत शाही ईदगाह मस्जिद को दी गई 13.37 एकड़ जमीन भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को दिए जाने की मांग की गई है। साथ ही अवैध रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को भी हटाए जाने की मांग की गई है। याचिका में कुल 4 पक्षकार बनाए गए हैं। शाही ईदगाह मस्जिद, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघ को पक्षकार बनाया गया है। हाईकोर्ट में दाखिल अन्य याचिकाओं पर 18 दिसंबर को अदालत सुनवाई करेगी।