KNEWS DESK- विपक्ष के कई नेता इस समय मुश्किलों में फंसे हुए हैं एक तरफ जहां दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल शराब घोटाला मामले में फंसे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा से ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले यानी कैश लेकर संसद में सवाल पूछने के केस में लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं। इस दौरान उनसे कई सवाल किए गए। उनसे पूछा गया कि रात में वह किससे बात करती हैं। इस तरह के सवालों से परेशान होकर एथिक्स कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा इन दिनों ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले यानी कैश लेकर संसद में सवाल पूछने के केस में फंसी हुई हैं। गुरुवार (2 नवंबर) का दिन महुआ के लिए काफी अहम रहा दरअसल, महुआ ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं। इस दौरान उनसे बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को अपने संसदीय लॉगिन-आईडी देने को लेकर सवाल हुआ। इसके बदले मिले पैसे पर भी सवाल किए गए।
महुआ ने आरोप लगाया है कि एथिक्स कमेटी ने उनसे आपत्तिजनक सवाल पूछे। उनसे पूछा गया कि रात में वह किससे बात करती हैं। इस तरह के सवालों से परेशान होकर एथिक्स कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया। इन सबके बीच महुआ पर ‘कैश फॉर क्वेरी’ का आरोप लगाने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि विपक्षी सांसदों का वॉकआउट करना महुआ के मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
महुआ मोइत्रा गुरुवार सुबह लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं। एथिक्स कमेटी की अध्यक्षता बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर के पास थी। इस समिति में बीजेपी और विपक्ष के सांसद शामिल थे। इसमें से 5 सांसद विपक्ष के थे। महुआ सुबह 11 बजे एथिक्स कमेटी के पास पहुंची थीं। इस दौरान उन्हें तीन बैग के साथ आते हुए देखा गया।
टीएमसी सांसद से एथिक्स कमेटी ने लगभग एक घंटे तक सवाल-जवाब किया लेकिन जल्द ही वह एथिक्स कमेटी के सवालों से नाराज होकर वहां से बाहर निकल गईं। इस दौरान उन्हें विपक्ष के सांसदों का समर्थन मिला। कांग्रेस सांसद और समिति के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी और बसपा के दानिश अली सहित पांचों विपक्षी सांसदों ने महुआ के साथ कमेटी से वॉकआउट कर दिया।