KNEWS DESK- प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बीते गुरुवार को देर रात अपनी दूसरी सूची जारी की थी| जिसके बाद पार्टी को काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है| दरअसल, कांग्रेस ने अपने छह विधायकों को टिकट नहीं दिया| इसलिए राज्य में इन विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है|
बगावत करने वाले विधायकों में से चार ने नवंबर 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादारों के खिलाफ विधानसभा उपचुनाव जीते थे| इनमें सुमावली विधायक अजब सिंह कुशवाह, ब्यावरा विधायक रामचन्द्र दांगी, गोहद के मेवाराम जाटव और मुरैना के राकेश मावई शामिल हैं| इस सूची में शामिल विधायकों में बड़नगर सीट से मुरली मोरवाल और सेंधवा सीट से ग्यारसीलाल रावत का नाम भी मौजूद है|
इस दौरान पार्टी से नाराज राकेश मावई ने शुक्रवार को कहा, मैं प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ से पूछना चाहता हूं कि मैंने क्या गलत किया कि उन्होंने मुझे टिकट नहीं दिया? मैंने 2020 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव जीता, जबकि मेरे और मेरे परिवार के संबंध कांग्रेस नेता सिंधिया से हैं|
उन्होंने कहा, मैं एक सच्चा कांग्रेस कार्यकर्ता हूं और छात्र जीवन से ही पार्टी से जुड़ा हूं| मैंने एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के लिए भी काम किया| मैं अन्य प्रत्याशियों की तरह बसपा या बीजेपी से पार्टी में नहीं आया हूं| 2018 में मैंने जिला पंचायत प्रमुख का चुनाव जीता| पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक, मैंने आठ बार चुनाव लड़ा है और कभी हारा नहीं हूं, तो फिर पार्टी मुझ पर विश्वास क्यों नहीं करती?
वहीं, मुरली मोरवाल ने दावा किया कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए 40 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी लेकिन वह कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादार रहे| उन्होंने कहा, मैं इस विश्वासघात को कभी नहीं भूलूंगा|
इन नेताओं को नहीं दिया गया टिकट
कांग्रेस ने पार्टी के आंतरिक सर्वे के आधार पर बड़नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी और सेंधवा से मोंटू सोलंकी को टिकट दिया है| वहीं सुमावली में कुलदीप सिकरवार, ब्यावरा में पुरूषोत्तम दांगी, गोहद में काशव देसाई और मुरैना से राज्य किसान कांग्रेस प्रमुख दिनेश सिंह गुर्जर को टिकट नहीं मिला है|