KNEWS DESK- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक फैमिला कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए ये फैसला सुनाया कि पत्नी का कॉल रिकॉर्ड करना गलत बात है यानि किसी की भी फोन पर हो रही बातचीत को रिकॉर्ड करना सही नहीं है फिर चाहे वो पति हो या पत्नि।
क्या है पूरा मामला
एक महिला की याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा था जिस दौरान महिला ने कहा कि फैमिली कोर्ट के आदेश के बाद भी पति ने मेंटिनेंस देने से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि महासमुंद जिले के फैमिली कोर्ट ने 2019 मेंं ये फैसला सुनाया था। जिसके बाद पिता ने फैमिला कोर्ट से अपील की थी कि मामले का री- एक्सामिनेशन किया जाए। अब इस मामले पर पति का कहना है कि पत्नी के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है उसके पास और वो चाहता है कि कोर्ट ये रिकॉर्डिंग सुने।
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इस पूरे मामले में पति चाहता है कि कोर्ट इस रिकॉर्डिंग को सुने। और ये साबित हो जाए कि पत्नी का किसी और व्यक्ति के साथ संबंध चल रहा है। इसलिए तलाक के बाद भी उसे मेंटिनेंस देने की जरूरत नहीं है। लेकिन कोर्ट ने इसे निजता का उल्लंखन बताया। इतना ही नहीं महिला की तरफ से केस लड़ रहे वकील ने सुप्रीम कोर्ट और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का हवाला दिया।
हाईकोर्ट ने इस मामले पर कहा कि पति ने बिना पत्नी की इजाजत के रिकॉर्डिंग की जो कि निजता का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि निजता जीवन के अधिकार का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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