भाजपा बांटे रबड़ी, विपक्षी दलों में सियासत तगड़ी!

उत्तराखंड- उत्तराखंड में 2024 के चुनावी दंगल को जीतने के लिए भाजपा, कांग्रेस पूरी तैयारियों में लगे हुए हैं। इन्ही तैयारियों के तहत धामी सरकार में भाजपा के दस नेताओं को दायित्व की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। धामी सरकार में पहली बार नेताओं को दायित्व बांटे गए हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री धामी लंदन दौरे पर जाने से पहले ही दायित्व को हरी झंडी दे चुके थे। इसके विधिवत आदेश भी कर दिए गए। इस सूची के सामने आने के बाद कई पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। जबकि कुछ अभी भी मायूस है इसी को देखते हुए माना जा रहा है कि 20 दायित्वधारियों की दूसरी सूची भी जल्द जारी हो सकती है ताकी अन्य कार्यकर्ताओं को भी जगह मिल सके। दायित्वधारियों की सूची जारी होने के दौरान ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ कर दिया है कि वो लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। आलाकमान कहेगा तो वो चुनाव जरूर लड़ेंगे। त्रिवेंद्र ने पौड़ी लोकसभा सीट से लड़ने के संकेत दिए हैं। वहीं पौड़ी में त्रिवेंद्र की बढ़ती सक्रियता से पौड़ी के मौजूदा बीजेपी सांसद तीरथ सिंह रावत की परेशानी बढ़ गई है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा में सब कुछ आल इज वेल नहीं है। बीजेपी में बड़ा तूफान उठने वाला है क्योंकि सरकार ने अब तक कैबिनेट का विस्तार नहीं किया है। कांग्रेस ने सरकार को चुनौती दी है कि यदि सरकार में साहस है तो वह कैबिनेट का विस्तार करके दिखाए सवाल ये है कि क्या दायित्व बंटवारे के बाद मुख्यमंत्री कैबिनेट का विस्तार करेंगे?

एक तरफ जहां सरकार दायित्वों का बंटवारा कर सभी को साधने की कोशिश कर रही है तो वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ कर दिया है कि वो लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।आलाकमान कहेगा तो वो चुनाव जरूर लड़ेंगे। त्रिवेंद्र ने पौड़ी लोकसभा सीट से लड़ने के संकेत दिए हैं। वहीं पौड़ी में त्रिवेंद्र की बढ़ती सक्रियता से पौड़ी के मौजूदा बीजेपी सांसद तीरथ सिंह रावत की परेशानी बढ़ गई है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी कांग्रेस की रणनीति साफ कर दी है कि कांग्रेस 2024 का चुनाव आर्थिक और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर लड़ेगी। और उत्तराखंड में महिला सुरक्षा, दलित उत्पीड़न व बेरोजगारी को चुनावी हथियार बनाया जाएगा।  

कुल मिलाकर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। एक तरफ जहां कांग्रेस 2024 का चुनाव आर्थिक और सामाजिक न्याय के साथ ही उत्तराखंड में महिला सुरक्षा, दलित उत्पीड़न व बेरोजगारी को मुद्दा बनाएगी। वहीं भाजपा पीएम मोदी के सहारे और धामी के आसरे एक बार फिर राज्य की पांचों लोकसभा सीटों में हैट्रिक लगाने की तैयारियों में लगी हुई है देखना होगा 2024 का दंगल किसके लिए होगा मंगल?

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