उत्तराखंड, देहरादून : एचएनबी गढ़वाल केन्द्रीय विवि ने सम्बद्ध कॉलेजों में इस वर्ष शिक्षा सत्र से स्नातक और परास्नातक में दाखिले के लिए सीयूईटी व्यवस्था लागू की है। जिसके चलते हजारों छात्र-छात्राएं दाखिले से वंचित हो गये हैं। इसी को लेकर छात्र संगठनों ने कॉलेजों में तालाबंदी कर में गेट पर धरना दिया। डीएवी, डीबीएस कॉलेजों ने एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी के खिलाफ धरना दिया। साथ ही मैरिट व्यवस्था पुन: लागू करने की मांग की है।
दरअसल आपको बता दें कि डीएवी से सत्यम शिवम संगठन ‘छात्र नेता’ गोविंद रावत ने बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों के दूरस्थ स्थित गांवों में नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या होने के कारण कई छात्र-छात्रा सीयूईटी का एग्जाम नहीं दे सके। उत्तरकाशी, पुरोला के एक छात्र विपिन के बारे में बताते हुए कहा कि उसका एग्जाम सेंटर नोएडा में पड़ा। दूर परीक्षा केंद्र होने के चलते कई छात्र समय पर नहीं पहुंच सके। जिसके कारण उनकी परीक्षा छूट गई और वह प्रवेश पाने से वंचित रह गए। इस संबंध में डीएम को भी ज्ञापन प्रेषित किया गया है। इसके साथ छात्र नेता गोविन्द रावत ने बताया की डीएवी में 3815 सीटें हैं, जिसमें से केवल 40% ही भरी गई हैं। वहीं डीएवी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष दयाल सिंह बिष्ट ने कहा कि डीएवी प्रदेश का ऐसा कॉलेज है जहां पूरे प्रदेश के छात्र कम फीस देकर उच्च शिक्षा लेते हैं। गरीब वर्ग का छात्र भी यहां से शिक्षा लेता है। लेकिन सीयूईटी की व्यवस्था ने दूरस्थ पहाड़ी जिलों जहां कनेक्टिविटी की समस्या है। वहां के छात्रों को प्रवेश से वंचित कर दिया है। सीयूईटी नयी व्यवस्था होने के कारण कई छात्र इसका फॉर्म भर नहीं पाए। आज भी डीएवी में साठ से सत्तर प्रतिशत छात्र प्रवेश नहीं ले पाये। उन्होने मांग करी कि जिन छात्रों ने प्रवेश ले लिया उनका स्वागत करते हैं। लेकिन जो वंचित रह गये हैं। उनके प्रवेश के लिए एचएनबी द्वारा मैरिट व्यवस्था लागू की जाए।