KNEWS DESK- शुक्रवार को दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बीएड डिग्री धारकों को बड़ा झटका लगा है| दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अब BTC डिप्लोमा धारक ही तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में पत्र होंगे| बीएड डिग्री धारक आवेदन नहीं कर पाएंगे| BSTC बनाम बीएड विवाद में शीर्ष न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को सही साबित कर दिया है|
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले की सुनवाई की| पीठ ने कहा, प्राथमिक शिक्षक के लिए सिर्फ BSTC को योग्य माने जाएंगे| पीठ ने एनसीटीई के उस गजट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया जिसमें बीएड डिग्री धारकों को लेवल -1 शिक्षक भर्ती के लिए उच्च माना गया था| एनसीटीई की इस अधिसूचना में कहा गया था कि अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं तो उन्हें नियुक्ति के बाद 6 महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा|
राजस्थान शिक्षा विभाग की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में लेवल-1 में केवल BSTC वाले ही योग्य मानें जाएंगे लेकिन बीएड वालों ने हाईकोर्ट से अपील की| जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बीएड वालों को दोनों लेवल में शामिल होने के आदेश दिए| बीएड डिग्री धारकों ने एनसीटीई के नियमों का हवाला दिया|
इसके बाद BSTC डिप्लोमा धारकों ने हाई कोर्ट में एनसीटीई के नोटिफिकेशन को चुनौती दे दी थी| उन्होंने याचिका दायर कर मांग की थी कि रीट लेवल-1 भर्ती में केवल BSTC वाले ही पात्र हैं, लेवल-1 भर्ती प्रक्रिया से बीएड डिग्री धारकों को बाहर किया जाए| फिर राजस्थान उच्च न्यायलय ने बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक विद्यालय में 1 से 5 तक पात्र मानने वाले नोटिफिकेशन को केंसिल कर दिया| साथ ही एनसीटीई की अधिसूचना को भी केंसिल कर दिया|
राजस्थान हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एनसीटीई और केंद्र सरकार ने बीएड वालों के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी|