KNEWS DESK- UP विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है।आज विधानसभा सत्र का दूसरा दिन है। मानसून सत्र के पहले दिन एक ओर जहां समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने मणिपुर हिंसा का मुद्दा विधानसभा में उठाया है। उन्होंने आवारा पशुओं के मुद्दे को प्रमुखता से रखा था। जिस पर UP सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विवादित बयान देकर राजनीतिक माहौल को काफी गर्म कर दिया है।
आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी को शक्तिहीन बेबस मंत्री बताया है। अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी को बेबस और शक्तिहीन बताया है लेकिन अखिलेश ने ट्वीट में किसी मंत्री का नाम नहीं लिया है। अखिलेश यादव ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा है कि उन शक्तिहीन बेबस मंत्रियों की व्यक्तिगत टिप्पणी पर क्या जवाब देना जिनकी सरकार में कोई गिनती तक नहीं है। हमारी तो यही प्रार्थना है कि बेचारगी से त्रस्त ऐसे मंत्री जी को सन्मति दे भगवान! यदि अहंकार से मतिभंग होने का कोई उपचार होता तो हम उसके लिए भी सच्चे मन से प्रार्थना करते है।
अखिलेश अपनी असलियत से रहे भटक…गाय व भैंस पालना उनके पूर्वजों का धंधा- चौधरी
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने सोमवार को विवादित बयान दिया था। विधानमंडल के मानसून सत्र में अखिलेश यादव ने आवारा पशुओं के मुद्दे ना उठाने से जुड़े एक सवाल पर लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा है कि अखिलेश यादव अपनी असलियत से भटक रहे हैं। ‘उनका’ का काम ही जानवर पालना था। वो अपने पैतृक धंधे को ही भूल रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा है कि , “गाय और भैंस पालना तो उनके पूर्वजों का मुख्य काम था। चूंकि वो मंत्री के घर में पैदा हुए। CM के घर में बड़े हुए। आसमान से टपके हैं। इसलिए उन्हें बार-बार वही बात याद आती है। उनको तो ये सोचना चाहिए कि उनके पूर्वजों का ये धंधा है। जिस नन्द बाबा के वो वंशज बनते हैं। उनकी तो 9-9 गाय थीं.”