KNEWS DESK- पाकिस्तान की मुश्किलें आर्थिक तंगी से जूझने के चलते कम होने का नाम नही ले रही है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत के साथ वार्ता करने की मंशा जाहिर की है। पाकिस्तानी पीएम ने 1 अगस्त को कहा है कि दोनों देश तब तक ‘सामान्य पड़ोसी’ नहीं हो सकते जब तक कि गंभीर मुद्दों पर शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चा नहीं होती है।
आपको बता दें कि इस्लामाबाद में पाकिस्तान खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने भाषण के दौरान शहबाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत करने की बात कही है। लेकिन उन्होंने अपने बयान में किसी देश का नाम नहीं लिया है। लेकिन उनका इशारा भारत की ओर था। यह उनके बयान से ये स्पष्ट हो गया है कि 6 महीने पहले भी एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के साथ बातचीत करने का मन बनाया था। शाहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कहा है कि युद्ध दोनों देशों के लिए कोई विकल्प नहीं है। युद्ध के परिणामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘परमाणु विस्फोट’ से कोई भी जीवित नहीं रहेगा। पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने कहा कि हमारे मन में किसी के खिलाफ कुछ नहीं है। हमें अपना ख्याल रखना है। हमें अपना देश बनाना है। भारत का नाम लिए बिना शहबाज ने कहा कि हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं। बशर्ते पड़ोसी इतना गंभीर हो कि मेज पर गंभीर मुद्दों पर चर्चा कर सके।
भारत के साथ युद्ध का किया जिक्र-शहबाज शरीफ
जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने आगे बात करते हुए कहा है कि यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि हमारे पड़ोसी को यह समझना होगा कि जब तक विसंगतियों को दूर नहीं किया जाता है और हमारे गंभीर मुद्दों को शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चा के माध्यम से समझा और संबोधित नहीं किया जाता है। तब तक हम सामान्य पड़ोसी नहीं बन सकते हैं। उन्होंने आगे भारत के साथ युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 75 वर्षों में हमने तीन युद्ध लड़े और क्या हुआ? इन युद्धों के परिणामस्वरूप बेरोजगारी, शिक्षा, गरीबी, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए संसाधनों की कमी में वृद्धि हुई है।