राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने UCC का किया समर्थन

KNEWS DESK… देश में इस समय UCC को लेकर काफी सियासत देखने को मिल रही है। लगातार पक्ष और विपक्ष में लोग तर्क देते दिखाई दे रहे हैं। इसी सबके बीच राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा महाराज के अध्यक्ष और भारत के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने UCC का समर्थन करते हुए कहा कि देश संविधान से चलेगा और वह UCC का समर्थन करते हैं।

दरअसल आपको बता दें कि भारत सरकार के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने कहा कि ‘संविधान के अनुच्छेद 44 के मुताबिक समान नागरिक संहिता बनाना सरकार की जिम्मेदारी है। अगर मोदी सरकार संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाती है तो हम देश के पसमांदा मुसलमानों से UCC पर सहमति के लिए संवाद करेंगे और अपील करेंगे कि आप किसी भी तरह के भ्रम में न रहें, हमारा देश संविधान से ही चलेगा! पसमांदा मुसलमान अब बाबरी और शाहबानो जैसी किसी साजिश और CAA के विरोध का शिकार नहीं बनेंगे!

जानिए क्या है UCC

समान नागरिक संहिता में सभी धर्मों के लिए एक समान कानून लागू होनी की व्यवस्था। बता दें कि हर धर्म का अपना निजी कानून होता है। जिसके तहत विवाह, तलाक और संपत्तियों जैसे समस्या खुद के धर्म के मुताबिक सुलह करते है। UCC लागू होने से सभी धर्मों में रहने वाले लोगों के मामले सिविल नियमों के तहत ही निपटाए जाएंगे। UCC का उद्देश्य विवाह, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति के अधिकारों से संबंधित कानूनों को सुव्यवस्थित करना है.

संविधान के अनुच्छेद 44 का एक हिस्सा है

समान नागरिक संहिता भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 का एक हिस्सा है। इसे संविधान में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में शामिल किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है। अनुच्छेद 44 उत्तराधिकार, संपत्ति अधिकार, विवाह, तलाक और बच्चे की हिरासत के संबंध में सामान्य कानून की अवधारणा पर आधारित है।

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