भारत के कुछ ऐसे रहस्यमयी स्थान जिनका राज आज तक नहीं खुल पाया

KNEWS DESK : भारत भूमि ऋषि मुनि व संत महात्माओं की धरा है|यह एक रहस्यमय देश है जहां पर कई तरह की रहस्यमयी जगहें हैं जिसका राज आज तक कोई नहीं जान पाया है|भारत में ऐसे बहुत सारे रहस्यमय स्थान हैं, जहां जाकर आपको अजीब ही महसूस होगा|आज हम आपको कुछ ऐसे ही राज वाले स्थानों के बारे में बताने वाले हैं|

वृंदावन का मंदिर

आपने मथुरा और वृंदावन के कई मंदिरों के बारे में तो सुना होगा, उनका इतिहास, उनकी आकर्षक वास्तुकला लोगों को बेहद आकर्षित करती है| भगवान श्रीकृष्ण की लीला से जुड़ा वृंदावन में एक ऐसा मंदिर है जो खुद ही खुलता है और अपने आप बंद भी हो जाता है|इस मंदिर का नाम रंगमहल है|निधिवन परिसर में स्थित रंगमहल मंदिर में भगवान श्री कृष्ण सोया करते थे|प्रतिदिन इस मंदिर में प्रसाद के रूप में माखन-मिश्री रखी जाती है और भगवान कृष्ण के शयन के लिए पलंग भी रखी जाती है|आश्चर्यजनक बात है कि सुबह देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने प्रसाद ग्रहण किया हो और बिस्तर पर कोई सोया हो|अंधेरा होते ही रंगमहल में दरवाते अपने आप बंद हो जाते हैं|

अलेया भूत लाइट

पश्चिम बंगाल में ऐसी कई दलदली इलाकें हैं जहां पर एक रहस्यमयी रोशनी दिखाई देने की सूचना मिलती रहती हैं| इस रोशनी के बारे में यहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि यह रहस्यमयी रोशनी जो यहां पर दिखाई देती है वह उन मृत मछुआरों की आत्मायें है जो समुंदर में मछलियां पकड़ते हुए इस भयानक दलदल में अपना रास्ता भटक के कारण इसमें मर गए थे और अब उनकी मौत के बाद उनकी आत्मा इसी जगह पर भटक रही है|मन जाता है कि जो मछुआरा इस रोशनी को देखता है, या तो वह रास्ता भटक जाता है या उसकी जल्द ही मौत हो जाती है| दलदली क्षेत्रों से कई बार मछुआरों के शव बरामद किए गए हैं|वैज्ञानिकों का यह मानना है कि यह सब कुछ भूतों की वजह से नहीं होता बल्कि इसके पीछे एक वैज्ञानिक वजह है| वैज्ञानिक इसके बारे में बताते हुए कहते हैं कि दलदली इलाकों में आमतौर पर मीथेन गैस बनती है यह गैस किसी दूसरे पदार्थ के संपर्क में आने से रोशनी पैदा करती है|

रूपकुंड झील 
हिमालय की रूपकुंड झील का रहस्य भी कुछ ही है| 1942 में यहां पर ब्रिटिश के फॉरेस्ट गार्ड को सैकड़ों नर कंकाल मिले थे और आज भी झील में मानवों के कंकाल और हड्डियां पड़ी हुई हैं| यह झील समुद्रतल से करीब 5,029 मीटर की ऊंचाई पर है| यह झील हिमालय की तीन चोटियों के बीच स्थित है जिसे त्रिशूल जैसा दिखने की वजह से त्रिशूल का नाम दिया गया है| उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित त्रिशूल भारत की सबसे ऊंची पर्वत चोटियों में शामिल है| रूपकुंड झील को कंकालों की झील कहा जाता है| मानवविज्ञानी और वैज्ञानिक इस रहस्य को जानने के लिए अभ्यास करते रहते हैं|
जतिंगा गांव 
वैसे असम की ढेरों खासियतों के बीच यहां कई बातें काफी रहस्यमयी भी हैं, जैसे पक्षियों की खुदकुशी|आपको बता दें कि यहां हर साल हजारों की संख्या में पक्षी एक ही जगह जमा होकर आत्महत्या कर लेते हैं| आत्महत्या करने की प्रवृत्ति, तो इंसानों में आम है, लेकिन पक्षियों के मामले में ये बात एकदम अलग हो जाती है|जतिंगा गांव में पक्षी तेजी से उड़ते हुए किसी इमारत या पेड़ से टकरा जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है| अफसोस वाली बात तो यह है कि  ये पक्षी शाम 7 से रात 10 बजे के बीच ही ऐसा करते हैं, जबकि आम मौसम में इन पक्षियों की प्रवृति दिन में ही बाहर निकलने की होती है और रात में वे घोंसले में लौट जाते हैं|यह रहस्य का पता आजतक नही चल पाया है|
लटकते खम्भे का रहस्य 
आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित लेपाक्षी मंदिर 70 खंभों पर खड़ा है| लेकिन बड़ी ही अजीब बात है क‍ि मंदिर का एक खंभा जमीन को छूता ही नहीं है|बल्कि हवा में झूलता रहता है| ऐसा माना जाता है कि खंभे के आशीर्वाद के लिए नीचे कुछ स्लाइड करके आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है|एक खम्भा हवा में झूलने के कारण इस मंदिर को हैंगिंग टेंपल के नाम से भी जाना जाता है|

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