आगरा/फतेहाबाद- पं. दीनदयाल उपाध्याय जनसंघ के राष्ट्रजीवन दर्शन के निर्माता माने जाते हैं। उनका उद्देश्य स्वतंत्रता की पुनर्रचना के प्रयासों के लिए विशुद्ध भारतीय तत्व-दृष्टि प्रदान करना था। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को प्रस्तुत करते हुए मानववाद की विचारधारा दी। उन्हें जनसंघ की आर्थिक नीति का रचनाकार माना जाता है। उनका विचार था कि आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य सामान्य मानव का सुख है। भगवान परशुराम ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा स्थापित कराने के लिए राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार फतेहाबाद को सौंपा गया। भगवान परशुराम ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष शिवकुमार शर्मा प्रधान के नेतृत्व में एक राज्यपाल के नाम ज्ञापन तहसीलदार आशीष कुमार त्रिपाठी को सौंपते हुए अवगत कराया गया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा फतेहाबाद में अवंती वाई और पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रतिमा स्थापित करने के लिए भूमि पूजन किया गया था। वीरांगना अवंतीवाई की प्रतिमा का अनावरण विगत 5 सितंबर 2001 को किया गया था लेकिन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा आज तक स्थापित न होने पर ब्राह्मण समाज में रोष व्याप्त है। उन्होंने कस्बे के रोड पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा स्थापित कराने की मांग की गई हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद रावत, शिवहरी मुदगल, रामदत्त मुदगल, प्रदीप पलिया ,अमित तिवारी सभासद, मनीष पाराशर, ब्लॉक अध्यक्ष सूरज मुदगलनिक्की पाराशर ,सुमित शर्मा, पप्पू शर्मा, रामनिवास शर्मा आदि मौजूद रहे।