कोलकाता, पश्चिम बंगाल में 4 महिलाओं को सड़क पर रेंगते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) पार्टी के ऑफिस पहुंचकर फिर से पार्टी की सदस्यता लेने के लिए कथित तौर पर मजबूर करने की खबर सामने आई है. इसका एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें महिलाओं को सड़क पर रेंगते हुए दिखाया गया है. ये घटना बालूरघाट की बताई जा रही है. जहां वीडियो में 3 आदिवासी महिलाओं ने सड़क पर दंडवत करके रेंगते देखा गया. इसके बाद इन आदिवासी महिलाओं ने टीएमसी ज्वाइन की. ये महिलाएं इसके एक दिन पहले ही बीजेपी (BJP) में शामिल हुईं थीं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुकांत मजूमदार (Dr. Sukanta Majumdar) ने इसका वीडियो ट्वीट करने के साथ ही टीएमसी पर जोरदार हमला बोला है.
सुकांत मजूमदार ने कहा कि ‘मार्टिना किस्कु, शिउली मार्डी, ठाकरन सोरेन और मालती मुर्मू कल भाजपा में शामिल हो गईं थीं. ये एसटी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. ये सभी तपन गोफानगर, तपन की निवासी हैं. आज टीएमसी के गुंडों ने उन्हें टीएमसी में वापस जाने के लिए मजबूर किया और दंडवत परिक्रमा करने को कहकर सजा दी.’ इसके बाद बीजेपी ने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरने के लिए जमकर हमला बोला. भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय (Amit Malviya) ने ट्वीट करके कहा कि ‘दंडवत परिक्रमा करने वाली ये आदिवासी महिलाएं (मार्टिना किस्कु, शिउली मार्डी, ठाकरन सोरेन और मालती मुर्मू) बालूरघाट की रहने वाली हैं.’
अमित मालवीय ने कहा कि ‘यह कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं है बल्कि स्थानीय टीएमसी नेताओं द्वारा दी गई सजा है, क्योंकि वे भाजपा में शामिल हो गईं हैं.’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ममता के नेतृत्व में बर्बाद हो गया है. जबकि दंडवत करती नजर आई महिला महिलाओं में से एक मार्टिना किस्कु का कहना है कि ‘उसने प्रायश्चित करने के लिए ऐसा किया था.’ वहीं दक्षिण दिनाजपुर की टीएमसी जिला महिला अध्यक्ष प्रदीप्त चक्रवर्ती ने कहा कि ‘इन साधारण लोगों को उनकी भूल के बारे में समझाया गया था. जिसके चलते उन्होंने टीएमसी का झंडा थामा. उन्होंने अपनी भूल समझी और प्रायश्चित के लिए वे दंडवत करते-करते पार्टी ऑफिस आईं.’