प्रयागराज, राजू पाल हत्याकांड के एकलौते गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को वापस प्रयागराज लाया गया है. कल पुलिस द्वारा दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
राजू पाल हत्याकांड के एकलौते गवाह उमेश पाल का अपहरण साल 2006 में किया गया था. साल 2007 में बीसपी सरकार आ जाने के बाद उमेश पाल ने अतीक और अशरफ समेत 11 लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज कराई थी. जिसकी सुनवाई प्रयागराज के सेशन कोर्ट में 23 मार्च को पूरी हो गई थी. अब 28 मार्च को फैसला सुनाया जाएगा.
माफिया अतीक अहमद के खिलाफ सेशन कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी किया है. वारंट को तामील कराने के बाद अतीक की प्रयागराज वापसी के लिए प्रक्रिया पूरी कराई गई. अतीक ने वर्ष 2006 में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का अपहरण कर अपने पक्ष में हलफनामा लिखवा लिया था. जिसके बाद साल 2007 में बीसपी सरकार आने के बाद उमेश पाल अतीक और उसके भाई अशरफ समेत 11 लोगों के खिलाफ F.I.R. कराई.
2007 में अतीक और उसके भाई अशरफ समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. सुनवाई पूरी होने के बाद इसी मामले में 28 मार्च को सजा का एलान होना है. अतीक समेत सारे आरोपी उस दिन अदालत के कटघरे में रहेंगे.
राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनने के बाद उमेश पाल के ऊपर खतरा मंडराने लगा था. अतीक ने कई लोगों से कहलवाया कि वह केस से हट जाए नहीं तो उसे दुनिया से हटा दिया जाएगा. उमेश नहीं माने तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया. उसे करबला स्थित कार्यालय में ले जाकर अतीक ने रात भर पीटा था. उससे हलफनामा पर दस्तखत भी करवा लिए थे. हलफनामा पर लिखा था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था. न ही उसने किसी को वहां देखा था. अगले दिन यानी एक मार्च को अतीक ने अदालत में उमेश के हलफनामा को प्रस्तुत कर अदालत के सामने गवाही भी दिलवा दी थी. उस समय शासन प्रशासन में अतीक की तूती बोलती थी.