नीतू गंघास ने महिला मुक्केबाज़ी चैम्पियनशिप ने स्वर्ण पदक जीत कर रचा इतिहास

KNEWS DESK, राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू गंघास शनिवार को यहां महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में अलग अंदाज में जीत से विश्व चैम्पियन बनीं और इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया| नीतू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मंगोलिया की लुतसाईखान अल्तानसेतसेग को 5-0 से हराकर न्यूनतम वजन वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया| स्टेडियम में बीजिंग ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और नीतू के आदर्श विजेंदर सिंह भी मौजूद थे| दिन के पहले मुकाबले में भिवानी की 22 वर्षीय मुक्केबाज नीतू ने आक्रामक शुरूआत की, पहले राउंड में वह 5-0 से आगे थी| दूसरे राउंड में उन्होंने सीधे मुक्के जड़े|अल्तानसेतसेग ने जब जवाबी हमला किया तो इस भारतीय मुक्केबाज ने अपनी प्रतिद्वंद्वी से अच्छा बचाव किया|

दोनों मुक्केबाज करीब होकर खेल रही थी और एक दूसरे को जकड़ रही थी जिसमें दूसरे राउंड के अंत में नीतू पर ‘पेनल्टी’ से अंक कांट लिये गये| दूसरे राउंड में मंगोलियाई मुक्केबाज की मजबूत वापसी के बावजूद नीतू इसे 3-2 से अपने हक में करने में सफल रही| फिर अंतिम तीन मिनट में नीतू ने दूर से शुरूआत की और अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए फिर करीब से खेलने लगीं जिसमें अल्तानसेतसेग का भी प्रतिद्वंद्वी को जकड़ने के लिये एक अंक काट लिया गया| अंत में भारतीय मुक्केबाज विजेता रहीं|

नीतू के लिए मुक्केबाज़ी की शुरुआत इतनी आसान नहीं थी नीतू के पिता हरियाणा राज्य सभा के कर्मचारी थे और अपनी बेटी नीतू के खेल के संसाधनों और खाने पिने के इंतजाम की देखभाल के लिए बिना वेतन के तीन साल की छुट्टी ली और सभी संसाधनों के लिए छह लाख रुपये का कर्ज लेकर खुद की ज़मीन पर खेती करके गुजरा किया| यहां से पिता और बेटी दोनों के सपनो ने एक साथ उड़ान भरने की ठानी| नीतू ने अपने स्नातक की शिक्षा गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज से किया और उस दौरान BBC के नाम से मशहूर भिवानी बॉक्सिंग क्लब में शमिल हुई थी|

पहले तीन मुकाबले आरएससी से जीतने वाली नीतू ने पूरे टूर्नामेंट में दबदबे भरा प्रदर्शन किया| इस जीत से 2022 स्ट्रैंड्जा मेमोरियल में स्वर्ण पदक जीतने वाली नीतू विश्व चैम्पियन खिताब हासिल करने वाली छठी भारतीय मुक्केबाज बनी| नीतू ने कहा, ‘‘मैंने आज मुकाबले में आक्रामक खेलने का फैसला किया और मैं जीत के बाद बहुत खुश हूं| मुझे खुद पर, अपने परिवार पर गर्व है और मैं अपने कोचों विशेषकर मुख्य कोच भास्कर सर को शुक्रिया कहना चाहूंगी|”

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