प्रयागराज:उत्तर प्रदेश के मुख्तार अंसारी गिरोह और उसके सदस्य और खतरनाक अपराधी रामू मल्लाह की जमानत अर्जी खारिज करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस गिरोह को देश का सबसे खतरनाक गिरोह करार दिया है, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने कहा, “आरोपी याचिकाकर्ता एक दुर्दांत अपराधी और भारत के सबसे दुर्दांत अपराधी गिरोह मुख्तार अंसारी गिरोह का सदस्य है. उस पर कई जघन्य अपराध के मुकदमे चल रहे हैं.”
दरअसल,हत्या के एक मुकदमे में रामू मल्लाह ने जमानत अर्जी दाखिल की थी, सरकार की ओर से रामू मल्लाह की जमानत याचिका का विरोध किया गया, सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि रामू मल्लाह मुख्तार अंसारी गैंग का सदस्य है. रामू मल्लाह के खिलाफ हत्या, आर्म्स एक्ट सहित गंभीर धाराओं में गाजीपुर कोतवाली में छह और मऊ के दक्षिण टोला थाने में FIR दर्ज है,मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज हत्या के मुकदमे में ही जमानत अर्जी दाखिल की गई थी, कोर्ट ने मुख्तार अंसारी गैंग का सदस्य होने और क्रिमिनल हिस्ट्री के आधार पर जमानत अर्जी खारिज कर दी,
न्यायलय ने एक मार्च को एक आदेश पारित करते हुए कहा “कुछ मामलों में गवाहों के मुकरने से आरोपी यदि बरी हो गया तो इससे उसका आपराधिक इतिहास खत्म नहीं हो जाता.” अदालत ने कहा, “यदि एक अपराधी को जेल से बाहर आने दिया जाता है तो वह गवाहों को प्रभावित करने की स्थिति में होगा और सही गवाही असंभव होगी. इसलिए मुझे आरोपी याचिकाकर्ता के वकील की इस दलील में कोई दम नजर नहीं आता कि चूंकि आरोपी बरी हो चुका है, इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. इस तरह से, जमानत की अर्जी खारिज की जाती है.”