Women Day Special: बड़ी-बड़ी फिल्मों की मास्टरब्रेन ज्योति देशपांडे की कहानी

महिला दिवस स्पेशल, इरादे जब मज़बूत और हौसले बुलंद हों तो इंसान कामयाबी की शानदार मिसाल गढ़ सकता है. इस बात को सच कर दिखाया है ज्योति देशपांडे ने जो वॉयकॉम18 (Viacom18) की सीईओ हैं.

 

ज्योति बिजनेस की दुनिया में इस बात के लिये जानी जाती हैं कि समय पर समझदारी से काम किया जाए तो कामयाबी आसानी से हासिल की जा सकती है. ज्योति जब शादी के बाद पति के साथ लंदन गईं तो फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की मालकिन से उनका मिलना हुआ. उन का नाम था कृष्णा लूला औऱ उनकी कंपनी थी एरोस इंटरनेशनल. ज्योति ने कृष्णा लूला को इस बात के लिये राजी किया कि वे डिस्ट्रीब्यूशन के साथ साथ फिल्म प्रोडक्शन के फील्ड में भी हाथ आजमाएं. कृष्णा इस बात के लिये राजी हो गईं और ज्योति ने एरोस इंटरनेशनल ज्वॉयन कर लिया. फिल्मों के राइट्स लेने और फिल्में प्रोड्यूस करने का काम ज्योति ने शुरु कर दिया. 

जिन सितारों की फिल्में बनाई जातीं उन्हें बतौर को-प्रोड्यूसर रख लिया जाता. इससे कॉस्ट कम करने में आसानी हो जाती. धीरे-धीरे एरोस इंटरनेशल जो फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन की कंपनी थी आज भारतीय सिनेमा जगत की एक बड़ी प्रोडक्शन कंपनी बन गयी. आज यह कंपनी हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओं में हर साल 65-70 फिल्में प्रोड्यूस करती है. बाजीराव मस्तानी, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, गोलियों की रासलीला-रामलीला, इंग्लिश-विन्ग्लिश जैसी कई सुपरहिट फिल्में एरोस इंटरनेशल की ही देन हैं. कंपनी अगर आज इस मकाम पर है तो उसमें बहुत बड़ा रोल ज्योति देशपांडे का है. उन्होंने एरोस इंटरनेशनल में बतौर ग्रुप सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर काम किया. ज्योति, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड में बतौर मीडिया प्रेसिडेंट भी काम कर चुकी हैं.  

हाल ही में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) ने वॉयकॉम18 (Viacom18) की सीईओ ज्योति देशपांडे को अपने मीडिया एंड एंटरटेनमेंट बोर्ड का सह-अध्यक्ष (को-चेयर) नियुक्त किया है यह पहली बार है कि जब मीडिया इंडस्ट्री से जुड़ी किसी महिला कार्यकारी को इस महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र के पदाधिकारियों में शामिल किया गया है। देशपांडे को देश के बड़े मीडिया व मनोरंजन कंपनियों के साथ काम करने का 29 साल से भी ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने ओटीटी क्षेत्र में इरोज (इरोज नाउ के माध्यम से) के शुरुआती दिनों की भी जिम्मेदारी संभाली और एंटरटेनमेंट वैल्यू चेन में एक प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर जियो स्टूडियो (Jio Studios) की स्थापना की।

एरोस ज्वाइन करने से पहले ज्योति ने एडवरटाइजिंग के क्षेत्र में जे वाल्टर थोम्पसन इंडिया के साथ काम किया है. यूके जाने के बाद उन्होंने ज़ी टेलीविज़न नेटवर्क यूके में एडवरटाइजिंग सेल्स एंड मार्केटिंग का कार्यभार संभाला. माइंडशेयर यूके में बतौर सीनियर मीडिया कंसल्टेंट भी उन्होंने काम किया है. यूके में वे B4U नेटवर्क की कोर टीम का हिस्सा रहीं हैं. आज की तारीख में एडवरटाइजिंग, मीडिया कंसल्टिंग, टेलीविज़न एंड फिल्म के साथ मीडिया और एंटरटेनमेंट में ज्योति को 24 साल का अनुभव है. पिछले 10 सालों में उन्होंने ऋण और इक्विटी के ज़रिये एरोस की कैपिटल ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

 

कामयाबी के इस मुकाम पर ज्योति कहां से पहुंची हैं अगर इसका अंदाजा हो तो उनकी सफलता का महत्व समझना आसान हो जाएगा. बचपन में पोलियो का शिकार होने के बावजूद ज्योति ने खुद में हिम्मत और ताकत हमेशा भरी. लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करतीं और स्कूल में भी अव्वल रहतीं. कालेज के दिनों में आगे की पढ़ाई के लिये पैसे की जरुरत जब आई तो 12वीं तक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया. इससे जो पैसा जमा किया उससे एमबीए करने की सोची. देश के नामी गिरामी एस पी जैन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, मुंबई से एमबीए किया औऱ यहीं वे अपने सपनों के राजकुमार से मिलीं. ज्योति इसके बाद शादी करके लंदन चली गईं और फिर वहां 1998 में इरोस इंटरनेशल से जुड़ीं. इसके बाद उन्होंने कामयाबी की कई चमकदार कहानियां लिखीं.

 

ज्योति की नेतृत्व क्षमता को देखते हुए साल 2015 में बिज़नेस टुडे ने उनका नाम 50 मोस्ट पावरफुल वीमेन इन बिज़नेस में शुमार किया था. इसी साल प्रतिष्ठित फॉरच्यून इंडिया मैगज़ीन ने 50 मोस्ट पावरफुल वीमेन इन बिज़नेस की लिस्ट में ज्योति देशपांडे को फीचर किया गया.

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