हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल पद पर शपथ लेने से दो दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने बुधवार की सुबह भारतीय जनता पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने अपना त्यागपत्र क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह को सौंपा। बेतियाहाता स्थित आवास पर त्यागपत्र देते समय शिव प्रताप पार्टी से अपने 39 साल पुराने रिश्ते को याद करके भावुक हो गए। कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि किसी भी वजह से उन्हें पार्टी से त्यागपत्र देना भी पड़ सकता है। वह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल पद पर 18 फरवरी को शपथ लेंगे। त्यागपत्र देते समय क्षेत्रीय महामंत्री और सहजनवां विधायक प्रदीप शुक्ल, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
उन्होंने भाजपा से अपने 39 साल पुराने रिश्ते को याद करके कहा कि कभी नहीं सोचा था कि वह भाजपा से त्यागपत्र देंगे। वह 18 फरवरी को शपथ लेंगे। त्याग पत्र देते समय क्षेत्रीय महामंत्री और सहजनवां विधायक प्रदीप, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
प्रदेश के कद्दावर नेताओं में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ला को राज्यपाल बनाकर भाजपा के क्षत्रपों ने लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा संदेश दिया है। शिवप्रताप की पैठ ब्राह्मण वर्ग में अच्छी है, उन्हें बड़े ओहदे पर बैठाकर पूर्वांचल के ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की गई है।
शिवप्रताप, 50 वर्ष से राजनीति में सक्रिय हैं। उनकी पकड़ भाजपा के अलावा आरएसएस, हिंदू संगठनों में भी है। वहीं, पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा, बेदाग छवि से पार्टी शीर्ष नेतृत्व के करीब हैं तो वहीं जनता में भी उनके प्रति रायशुमारी अच्छी है।
कुछ ऐसा रहा राजनीतिक सफर
खजनी तहसील के रुद्रपुर गांव के रहने वाले 71 वर्षीय शिव प्रताप शुक्ल का राजनीतिक करियर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में शुरू हुआ। वह विद्यार्थी परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री रहे। विद्यार्थी परिषद के बैनर पर उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति भी की। राजनीति में उनका दूसरा पड़ाव भारतीय जनता युवा मोर्चा में रहा। मोर्चा के प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी भी उन्होंने संभाली। गोरखपुर नगर से भाजपा के टिकट पर चार बार विधायक रहे शिव प्रताप को चार बार प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया गया।,