kanpur Dehat: कानपुर देहात में अतिक्रमण को हटाने के समय मासूम प्रमिला और बेटी नेहा की आग में जलकर मौत हो गई,मां-बेटी की मौत के बाद यूपी की राजनीति में हलचल मच गई है,वहीं समाजवादी पार्टी ने इस घटना को हत्या की साजिश कहा,उधर इस सभी को झकझोर दिया है,वहीं पत्नी और बेटी को आग से जलने से न बचा पाने वाले मासूस मुखिया कृष्ण गोपाल खुद को कोस रहे है,बेबस और लाचार बुजुर्ग को अपना परिवार जिंदा जलता देख उनके चेहरे पर उदासी साफ देखी जा सकती है,कि कैसे एक लाचार पति,पिता अपने परिवार को नहीं बचा पाया,
पूरा मामला जिले के रुरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव का है,जहां गांव में अवैध अतिक्रमण हटाने गए तहसील प्रशासन की कृष्ण गोपाल दीक्षित के घरवालों से कुछ कहासुनी हो गई,जिसके बाद कृष्ण गोपाल व पत्नी,बेटी झोपड़ी के अंदर चले गए,तभी प्रशासन ने झोपड़ी के ऊपर बुलडोजर चलवा दिया,झोपड़ी के गिरने के दौरान आग लग गई,जिसमें कृष्ण गोपाल की पत्नी,बेटी उनके सामने जिंदा जलकर मौत हो गई,धधगती आग में अपने परिवार को बचाने के दौरान कृष्ण गोपाल बुरी तरह से झुलस गए,वही बेटा भी मामूली रुप से जल गया,
कृष्ण गोपाल का कहना है कि 13 जनवरी को इस मामले के संबध में एसडीएम मैथा के आदेश पर यह झोपड़ी को गिरा गया था,जिसके बाद उन्होनें उसी शाम को पूरे परिवार के साथ माती मुख्यालय मे धरना दिया था,तो एसडीएम मैथा व एसडीएम प्रशासन ने धमकी देकर परिवार को भगा दिया था, और दूसरे दिन मुकदमा दर्ज करा दिया
मामला कोर्ट में था, फिर क्यों गिराई झोपड़ी
कृष्ण गोपाल ने बताया कि अचानक उनके घर रुरा थाने के 20-30 पुलिसवालों सहित एसडीएम,कानूनगो,तहसीलदार,और लेखपाल आ धमके,हम उनके सामने गिरगिडड़ाते रहे पर उन्होनें हमारी एक न सुनीं,एक पल में मेरी झोपड़ी गिरा दी जिसमें मंदिर था उसको भी गिरा दिया,जिसके अंदर मेरा परिवार था,उसको भी जिंदा जला डाला,
‘8-10 लोग कह रहें थे जिंदा जला दो’
इस मामलें में गांव के लोगों का कहना है कि मौके पर कुछ लोग थे जो कह रहे थे कि सबको जिंदा जला दो,उन ही लोगों ने झोपड़ी में आग लगाकर फरार हो गए,
गांव बना छावनी
घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश पैदा हो गया और पुलिस को मौके से खदेड़ दिया,नाराज ग्रामीणों ने मौके पर खड़ी लेखपाल की गाड़ी को भी तोड़ दी,
SP का कहना है कि मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे जिले के एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि एसडीएम के साथ रूरा थाने की फोर्स अवैध अतिक्रमण को हटाने पहुंची थी. उसी समय घर में मौजूद महिला और बेटी झोपड़ी में चली गई,और जैसी जानकारी मिली है कि उन लोगों की जलकर मौत हो गई,
प्रधान का कहना है कि कृष्ण गोपाल का विवादित जगह पर वह करीब 20-25 सालों से मकान था,मगर पैसे के अभाव के चलते वह पक्का निर्माण नहींं करा पा रहे थे,किसी दूसरे के इशारे पर यह काम किया गया है,
अधिकारियों पर दर्ज हुई एफआईआर
वहीं ग्रामीणों के हंगामे के बाद रूरा थाने में SDM ज्ञानेश्वर प्रसाद, रूरा SHO दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह, JCB ड्राइवर दीपक, मड़ौली गांव के ही रहने वाले कुछ लोगों पर FIR दर्ज कर ली हैं
वहीं इस घटना पर कमिश्रर ने कहा कि यह घटना बहुत ही हदय विदारक है, इसके पीछे की वजह क्या है? इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी और दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी,