उत्तराखंड, उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं पर रार थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले UKSSSC पेपर लीक मामला और अब UKPSC की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं. बता दें की राज्य सरकार ने यूकेएसएससी में हुए पेपर लीक मामले के बाद परीक्षा कराने की जिम्मेदारी UKPSC को सौंपी थी जिसके बाद UKPSC ने राज्य में पटवारी-लेखपाल, एई भर्ती और जेई भर्ती परीक्षा आयोजित की लेकिन यहां भी पेपर लीक हो गये…..चिंता की बात ये है कि ये पेपर लीक आयोग के ही अधिकारियों ने किए हैं। राज्य में एकाएक हो रहे पेपर लीक मामले के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है विपक्ष ने सरकार से मांग की है कि जांच पूरी होने तक राज्य में परीक्षा ना कराई जाए हांलाकि आयोग की ओर से पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा 12 फरवरी को दोबारा कराई जा रही है. जिसका युवा लगातार विरोध कर रहे हैं इसलिए आज हम कह रहे हैं कि भर्ती परीक्षा पर रार, क्या करेगी धामी सरकार
देवभूमि उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं पर विवाद थम नहीं रहा है। पहले UKSSSC पेपर लीक मामला और अब UKPSC की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं.चिंता की बात ये है कि ये पेपर लीक आयोग के ही अधिकारियों ने किए हैं। आयोग के ही अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी इस प्रकरण में सलाखों के पीछे हैं. आपको बता दें की राज्य सरकार ने यूकेएसएससी में हुए पेपर लीक मामले के बाद परीक्षा कराने की जिम्मेदारी UKPSC को सौंपी थी जिसके बाद UKPSC ने राज्य में पटवारी-लेखपाल, एई भर्ती और जेई भर्ती परीक्षा आयोजित की लेकिन यहां भी पेपर लीक हो गये…..जिसके बाद बेरोजगार संघ ने राज्य सरकार से जांच पूरी होने तक परीक्षा ना कराने, नकल रोधी कानून बनाने के साथ ही सभी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई से जांच कराए और असल दोषियों को जेल भेजने की मांग की है। इन सभी मांगों को लेकर देहरादून में हजारों युवाओं ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया
आपको बता दें कि राज्य लोक सेवा आयोग ने आठ जनवरी को पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा आयोजित की थी लेकिन ये पेपर लीक हो गया। आयोग के ही अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और एक अन्य अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार इस प्रकरण में सलाखों के पीछे है। इसके बाद जेई-एई की भर्ती परीक्षा कराई गई जिसमें भी गड़बड़ी मिली. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर इस प्रकरण में जांच कर रही एसआइटी ने नौ आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जिसके बाद इस प्रकरण में संजीव चतुर्वेदी और उसकी पत्नी रितु समेत छह आरोपित जेल में हैं। वहीं अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए जांच पूरी होने तक परीक्षा ना कराए जाने की मांग की है जबकि बीजेपी कांग्रेस की इस मांग को युवाओं के विरोध में बता रही है
कुल मिलाकर उत्तराखंड में एक के बाद एक हो रही भर्ती परीक्षाओँ में धांधली से एक और जहां युवाओँ का भविष्य बर्बाद हो रहा है तो दूसरी ओर राज्य की छवि भी खराब हो रही है। वहीं जिन आयोग पर बिना नकल परीक्षा कराने की जिम्मेदारी है वहां के अधिकारी ही पेपर लीक करा रहे हैं जो कि चिंता की बात है ऐसे में सवाल ये है कि क्या धामी सरकार इस प्रकरण की सीबीआई जांच कराएगी, क्या धामी सरकार जल्द नकल विरोधी कानून बनाएगी, क्या 12 फरवरी को होने वाली पटवारी परीक्षा को सरकार स्थगित करेगी ऐसे अनगिनत सवाल है जिसके जवाब का सबको इंतजार है