बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को सपा पर राज्य की 17 अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण से वंचित करने का आरोप लगाया। मायावती ने एक बयान जारी कर भारतीय जनता पार्टी ( BJP) और कांग्रेस (Congress) पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाते हुए सपा को भी आड़े हाथ लिया।
मायावती ने कहा, “सपा ने 17 अति-पिछड़ी जातियों को ओबीसी वर्ग (अन्य पिछड़ा वर्ग) की सूची से हटाकर एससी (अनुसूचित जाति) वर्ग में शामिल करने का गैर-संवैधानिक कार्य कर इन वर्गों के लाखों परिवारों को ओबीसी आरक्षण से वंचित कर दिया।” बसपा सुप्रीमो ने कहा, “ऐसा करने का अधिकार नहीं होने के बावजूद (तत्कालीन) सपा सरकार द्वारा यह गलत कदम उठाने से वे सभी जातियां न तो ओबीसी में ही रह पाईं और न ही उन्हें एससी में शामिल किया जा सका।”
मायावती ने लगाया आरोप
मायावती ने कहा कि , “इस कदम को लेकर सपा सरकार को अदालत की फटकार भी लगा चुकी है, जबकि बसपा सरकार में एससी और एसटी (अनुसूचित जनजाति) के साथ-साथ अति-पिछड़ों व पिछड़ों को भी आरक्षण का पूरा हक एवं आदर-सम्मान दिया गया।”बसपा सुप्रिमों मायावती ने आरोप लगाया, “सपा की सरकारों ने अति-पिछड़ों को पूरा हक न देकर उनके साथ हमेशा छल करने का काम किया। सपा ने पदोन्नति में एससी-एसटी आरक्षण खत्म कर दिया। पार्टी ने संसद में इससे संबंधित विधेयक की प्रति फाड़ दी और उसे पारित भी नहीं होने दिया।”
विधान बनने से लेकर आज तक चुनौती बनी हुई है-मायावती
बता दें कि मायावती ने कहा, “आरक्षण को लागू करने को लेकर संविधान बनने से लेकर आज तक चुनौती बनी हुई है। कांग्रेस, बीजेपी और सपा सहित कोई भी विरोधी पार्टी आरक्षण के साथ इस संवैधानिक उत्तरदायित्व के प्रति ईमानदार नहीं है। यही आज तक का कड़वा इतिहास है।”उन्होंने कहा, “एससी-एसटी आरक्षण को लागू करने के मामले में ही नहीं, बल्कि ओबीसी आरक्षण को लेकर भी इन पार्टियों का अति जातिवादी व क्रूर रवैया देखने को मिला है।”
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