इस्लाम धर्म का सबसे पाक महीना रमजान होता है, जो की 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है. इस पूरे महीने मुसलिम रोजा रखते हैं और सूर्योदय, सूर्यास्त के बाद ही अन्न-पानी ग्रहण करते हैं. सुबह सूर्योदय से पहले सहरी की जाती है और शाम की अजान के बाद इफ्तार किया जाता है. लगभग 30 दिनों तक रोजा रखते है, कई बार इससे लोगों को कमजोरी हो जाती है. लेकिन सहरी और इफ्तार के दौरान खाने-पीने के सही सामानों का चयन किया जाए तो रोजा से होनेवाली कमजोरी को रोका जा सकता है.
सहरी में खाएं ये चीजें
-अपने खाने में फाइबर युक्त खाद्य फूड्स को करें शामिल. सेब, नाशपाती, बीन्स, साबुत अनाज, पॉपकॉर्न से आपको पर्याप्त मात्रा में फाइबर की मिल जाएगा. फाइबर देर तक पेट भरा रखता है.
-सहरी के समय दाल और दही का सेवन जरूर करें. दही पाचन को ठीक रखने में मदद करती है और इससे हमें पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम भी मिलता है. साथ ही हर प्रकार के दालों का सेवन हमें दिनभर के लिए पर्याप्त प्रोटीन मिलता है.
-कच्चा पनीर या दूध का सेवन दिनभर ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करेगा. इन खाद्यान्नों में मौजूद प्रोटीन पेट को देर तक भरा रखता है. सहरी के खाने के बाद एक गिलास दूध का सेवन करें या पनीर के चार-पांच टुकड़े खा लें.
– सहरी व इफ्तार दोनों ही वक्त सूखा खजूर खाने का रिवाज रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये सूखा मेवा पेट को देर तक भरा रखता है और भूख भी महसूस नहीं होती. खजूर के अलावा आप काजू, बादाम किशमिश आदि का सेवन भी कर सकते हैं.
-इस बात का ध्यान रखें कि सहरी का खाना हल्का हो. एक बार में ज्यादा खाने से पेट में अपच की समस्या हो सकती है.
इफ्तार में शामिल करें ये चीजें
-इफ्तार के दौरान ज्यादा तला भूना, मीठी या नमकीन चीजों से परहेज करें.
-इफ्तार के दौरान खजूर से अपना रोजा खोलें और फाइबर युक्त चीजें खाएं.
-ज्यादा चिकन और मसाले वाला भोजन न करें, इससे पेट में अपच और एसिडिटी की समस्या हो सकती है.
-फलों का जूस पीना आपके लिए दिनभर की कमजोरी को दूर करने में सबसे ज्यादा मददगार साबित होगा. आप मैंगो शेक या खजूर का शेक भी ट्राई कर सकते हैं.
-रात के खाने में चावल को भी सीमित करें और रोटी खाएं. रात को दही लेने से बचें.
-सहरी में खाने के तुरंत बाद सोने न जाएं बल्कि आधे घंटे तक टहलें. खाने के एक घंटे बाद ही सोने जाएं