डिजिटल डेस्क- देशभर में विजयदशमी यानी दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर परंपरा के अनुसार रावण दहन किया गया। लेकिन इस बार त्योहार की खुशियों के बीच बॉलीवुड की मशहूर वेटरन एक्ट्रेस सिमी ग्रेवाल सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट को लेकर विवादों में घिर गईं। उन्होंने रावण को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसने लोगों को नाराज कर दिया और देखते ही देखते वह जमकर ट्रोल होने लगीं।
रावण को नॉटी और बुद्धिजीवी बताया
दरअसल, 2 अक्टूबर को दशहरे के दिन सिमी ग्रेवाल ने अपने एक्स (Twitter) हैंडल पर एक लंबा पोस्ट किया था। इस पोस्ट में उन्होंने रावण को “बुद्धिजीवी” और “थोड़ा शरारती” करार दिया। सिमी ने लिखा कि प्रिय रावण, हर साल इस दिन हम अच्छाई की बुराई पर जीत का जश्न मनाते हैं, लेकिन आपके व्यवहार को ‘बुरा’ से बदलकर ‘थोड़ा नॉटी’ कहा जाना चाहिए। आखिरकार आपने ऐसा भी क्या गलत किया था। उन्होंने आगे लिखा कि रावण ने सीता का अपहरण जरूर किया, लेकिन उन्हें सम्मान दिया। सिमी के अनुसार रावण ने सीता को अच्छा खाना, रहने की जगह और महिला सुरक्षा गार्ड दिए थे। उन्होंने कहा कि रावण का विवाह प्रस्ताव भी विनम्र था और अस्वीकार करने पर उसने कोई हिंसक कदम नहीं उठाया। इतना ही नहीं, सिमी ने यह भी लिखा कि रावण संसद में बैठे आधे नेताओं से ज्यादा पढ़ा-लिखा था।
यूजर्स का फूटा गुस्सा
सिमी के इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कई यूजर्स ने उन्हें इतिहास न समझने और “महिला होने के बावजूद महिलाओं के दुख को कम आंकने” का आरोप लगाया। एक यूजर ने लिखा कि काश कि यह नकली बुद्धिजीवी सिमी ग्रेवाल रामायण पढ़ लेतीं। रावण कभी अच्छा इंसान नहीं था। उसने अप्सरा रम्भा के साथ घोर पाप किया था और नलकुबेर के श्राप के डर से सीता के साथ गलत करने से बचा।” दूसरे यूजर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सिमी जैसी महिलाएं जो दूसरी महिलाओं के ट्रॉमा को हल्का बनाती हैं, असल में समाज के लिए श्राप हैं।
पोस्ट डिलीट, लेकिन स्क्रीनशॉट वायरल
विवाद बढ़ने के बाद सिमी ग्रेवाल ने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उनका ट्वीट डिलीट होने के बावजूद उसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए।
ट्रोलिंग के बीच चुप्पी साधी
सिमी ने इस विवाद के बाद अब तक कोई सफाई नहीं दी है। हालांकि, सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। कई लोग कह रहे हैं कि धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं से जुड़े पर्व पर ऐसा बयान देना बेहद असंवेदनशील है।