दिल्ली हाईकोर्ट ने पड़ोसियों को केस रद्द करने की दी अनोखी शर्त, बच्चों को पिज्जा और छाछ खिलाएं….

डिजिटल डेस्क- दिल्ली हाईकोर्ट ने दो पड़ोसियों के बीच हुए विवाद को सुलझाने के लिए एक अनोखा और मजेदार आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि यदि दोनों पड़ोसी एक-दूसरे पर दर्ज FIR रद्द करवाना चाहते हैं, तो उन्हें सरकारी अनाथालय के बच्चों और स्टाफ को पिज्जा और छाछ (बटर मिल्क) खिलानी होगी। जस्टिस अरुण मोंगा की बेंच ने 19 सितंबर के आदेश में कहा कि यह झगड़ा निजी है और एक-दूसरे पर केस करने से कोई फायदा नहीं है। FIR खत्म करने से आपसी दोस्ती बढ़ेगी और मेलजोल कायम होगा।

पालतू जानवर को लेकर हुआ था विवाद

मामला 5 मई का है, जब दो पड़ोसी अपने-अपने पालतू जानवरों को लेकर झगड़ पड़े। झगड़ा इतना बढ़ा कि दोनों ने एक-दूसरे पर पुलिस में FIR दर्ज करा दी। FIR में धमकाना, चोट पहुंचाना और रास्ता रोकना जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। कोर्ट ने इस विवाद को सुलझाने के लिए मज़ेदार शर्त रखी। दरअसल, एक शिकायतकर्ता पिज्जा बेक करता और बेचता है। इसलिए अदालत ने कहा कि दोनों पड़ोसी मिलकर अमूल छाछ के टेट्रा पैक और मिक्स वेज पिज्जा दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के पास संस्कार आश्रम में रहने वाले बच्चों में खिलाएंगे। पड़ोसी कोर्ट में पहुंचे और कहा कि वे आपसी समझौते पर पहुँच गए हैं और अब मामला आगे नहीं बढ़ाना चाहते। वकीलों ने बताया कि यह पूरी घटना एक बड़ी गलतफहमी के कारण हुई थी।

कोर्ट के बयान की हो रही चर्चा

निर्णय के बाद अदालत ने FIR रद्द कर दी और यह भी कहा कि इससे दोनों पक्षों को अनावश्यक कानूनी परेशानी से बचाया गया और समाज में आपसी मेलजोल को बढ़ावा मिला। यह आदेश सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों ने इसे कानून में मिठास और पिज्जा का तड़का करार दिया है। अदालत की यह पहल इस बात का उदाहरण है कि कानून केवल सजा देने के लिए नहीं, बल्कि समझौता और सामाज में मेलजोल बढ़ाने के लिए भी काम कर सकता है।