KNEWS DESK- नारियल सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति में भी बेहद शुभ माना जाता है। यही वजह है कि भारत ही नहीं, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में भी यह लोगों की लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा है। नारियल की झाल, पानी, गूदा और यहां तक कि इसकी पत्तियां भी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। लेकिन आज भी कई लोग इसके असली फायदों से अनजान हैं। लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 2 सितंबर को ‘वर्ल्ड कोकोनट डे’ मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड कोकोनट डे?
वर्ल्ड कोकोनट डे की शुरुआत 2009 में एशियन एंड पैसिफिक कोकोनट कम्युनिटी (APCC) ने की थी। इस दिन का उद्देश्य दुनियाभर में नारियल के महत्व और उसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करना है। आज भी यह दिन बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
नारियल से जुड़ी 5 अहम बातें
1. जीवन का वृक्ष कहलाता है नारियल
नारियल के पेड़ को ‘ट्री ऑफ लाइफ’ कहा जाता है, क्योंकि इसका हर हिस्सा उपयोगी है। नारियल का गूदा, पानी, तेल, झाल और पत्तियां – सब किसी न किसी रूप में काम आती हैं। भारतीय परंपरा में इसे शुभ माना जाता है और खाने-पीने से लेकर धार्मिक कार्यों तक में इसका इस्तेमाल होता है।
2. नारियल तेल पचने में आसान और सेहत के लिए फायदेमंद
नारियल तेल में MCT (मीडियम-चेन ट्राइग्लिसराइड्स) पाए जाते हैं, जो जल्दी पच जाते हैं। यह ऊर्जा बढ़ाने, मेटाबॉलिज्म को तेज करने और दिल की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है।
3. पोषक तत्वों से भरपूर नारियल
नारियल में फाइबर, सैचुरेटेड फैट, मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन और सेलेनियम भरपूर मात्रा में होते हैं। वहीं, नारियल पानी को प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक कहा जाता है, जो शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है।
4. कैसे पड़ा कोकोनट नाम?
‘कोकोनट’ शब्द की उत्पत्ति पुर्तगाली शब्द ‘कोको’ से हुई है, जिसका अर्थ होता है खोपड़ी या बंदर का चेहरा। नारियल की आकृति कुछ ऐसी ही दिखती है, इसलिए 16वीं शताब्दी में इसे पुर्तगालियों ने कोकोनट नाम दिया।
5. द्वितीय विश्व युद्ध में IV ड्रिप के रूप में इस्तेमाल
यह तथ्य आपको चौंका सकता है – वर्ल्ड वॉर II के दौरान जब ब्लड प्लाज्मा और मेडिकल सप्लाई की कमी थी, तब नारियल पानी को IV ड्रिप की तरह इस्तेमाल किया गया था। इसमें पोटेशियम, सोडियम और विटामिन सी, बी-कॉम्प्लेक्स पाए जाते हैं, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा और इलेक्ट्रोलाइट्स प्रदान करते हैं। नारियल वाकई ‘जीवन का वृक्ष’ है – जो सेहत, ऊर्जा और संस्कृति तीनों से गहराई से जुड़ा हुआ है।