KNEWS DESK- बरसात के मौसम में खानपान को लेकर सावधानी बरतना ज़रूरी है। ऐसे में हेल्दी ब्रेकफास्ट में स्प्राउट्स (अंकुरित अनाज) को शामिल करने पर अक्सर यह सवाल उठता है – इन्हें कच्चा खाएं या स्टीम करके? आइए जानते हैं दोनों ऑप्शन के फायदे और नुकसान।

स्टीम्ड स्प्राउट्स डाइजेशन और सेफ्टी के लिए बेहतर
- स्प्राउट्स को हल्का भाप देने से वे नरम और आसानी से चबाने योग्य हो जाते हैं।
- यह खासतौर पर उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जिन्हें पाचन संबंधी दिक्कतें रहती हैं।
- स्टीमिंग बैक्टीरिया जैसे E.coli और Salmonella को नष्ट कर देती है, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा कम हो जाता है।
- साथ ही, स्टीमिंग से शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।
- इन्हें आप आसानी से सूप, स्टिर-फ्राई, करी या सलाद में शामिल कर सकते हैं।

रॉ स्प्राउट्स न्यूट्रिशन भरपूर लेकिन रिस्की
- कच्चे स्प्राउट्स कुरकुरे और स्वाद में ताजगी भरे होते हैं।
- इनमें मौजूद लाइव एंजाइम्स मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं।
- रॉ स्प्राउट्स में विटामिन C, विटामिन K, पोटैशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
- ये कम कैलोरी और अधिक फाइबर से युक्त होते हैं, इसलिए वजन घटाने वालों के लिए फायदेमंद हैं।
- लेकिन, नमी और गर्म वातावरण में उगने के कारण इनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे पेट दर्द, उल्टी, दस्त और फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।
- बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को कच्चे स्प्राउट्स से परहेज करना चाहिए।
कौन-सा विकल्प है ज्यादा हेल्दी?
इसलिए, चुनाव आपकी सेहत और ज़रूरत के अनुसार होना चाहिए। अगर आपकी डाइजेशन स्ट्रॉन्ग है और फूड से जुड़ी कोई समस्या नहीं है, तो रॉ स्प्राउट्स अधिक फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन अगर आप सेफ्टी और पाचन को लेकर ज्यादा सतर्क हैं, तो स्टीम्ड स्प्राउट्स आपके लिए बेहतर रहेंगे। दोनों ही तरह से खाए जाने पर स्प्राउट्स हेल्दी और पौष्टिक हैं। सेहतमंद रहने के लिए स्प्राउट्स ज़रूरी हैं, बस यह तय करना आपके ऊपर है कि आपको इन्हें कच्चा खाना है या स्टीम्ड।