शिव शंकर सविता- 69 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने के चलते लखनऊ स्थित उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया। इस दौरान नाराज अभ्यर्थियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर धरने पर बैठ गए। इस दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल मौजूद रहा। नाराज अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट का जो फैसला आया था सरकार उसे जानबूझ कर लटका दिया जिससे यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया। सरकार के पास पर्याप्त समय था वह हाईकोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करके सबके साथ न्याय कर सकती थी।
आरक्षित वर्ग के साथ हुआ अन्याय
आपको बताते चलें कि पूर्व में प्रचलित 69 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया वर्ष 2018 में हुई थी। प्रदर्शनरत छात्रों ने आरोप लगाया कि जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया। लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीलाहवाली करती रही।
पहले भी आश्वासन दे चुके हैं डिप्टी सीएम
प्रदर्शनरत छात्रों ने ने कहा कि उन्होंने दो सितंबर को भी केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया था तब उन्होंने त्वरित न्याय किए जाने की बात कही थी और हम अभ्यर्थियों से मुलाकात भी की थी, लेकिन उनकी बात को भी अधिकारियों ने नहीं माना अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया।