KNEWS DESK- संसद के मानसून सत्र के दौरान आज का दिन भी हंगामेदार रहा। जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों ने बिहार की मतदाता सूची के पुनरीक्षण और हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा बढ़ने पर लोकसभा अध्यक्ष को कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
इसी तरह राज्यसभा में भी विपक्ष के सदस्यों ने दोनों मुद्दों को लेकर शोर-शराबा किया, जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही भी 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार और चुनाव आयोग की ओर से चुनावों से पहले बड़े पैमाने पर हेराफेरी की जा रही है। विपक्षी दलों ने इसे जनमत में हस्तक्षेप बताते हुए लोकसभा में तत्काल चर्चा की मांग की। इसके अलावा, विपक्ष ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हाल ही में की गई राष्ट्रीय सुरक्षा कार्रवाई पर भी सवाल उठाए और प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से बयान की मांग की।
हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई विस्तृत आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक गोपनीय सुरक्षा अभियान था, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में संभावित आतंकी नेटवर्क के खिलाफ चलाया गया था। विपक्ष इस अभियान में पारदर्शिता और मानवीय अधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठा रहा है।
कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सांसद वेल में आ गए और “लोकतंत्र बचाओ”, “बिहार में धांधली बंद करो” जैसे नारे लगाने लगे। स्पीकर ने कई बार सदन को शांत करने की कोशिश की, लेकिन हंगामा बढ़ता देख उन्हें कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा में भी जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य अपनी सीटों से खड़े होकर बिहार और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग करने लगे। सभापति की ओर से सदस्यों से शांत रहने की अपील के बावजूद हंगामा जारी रहा, जिसके बाद राज्यसभा को भी 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
विपक्ष ने साफ संकेत दिया है कि जब तक इन दोनों मुद्दों पर स्पष्ट चर्चा और सरकार की ओर से जवाब नहीं आता, तब तक सदन नहीं चलने देंगे। सूत्रों के अनुसार, सरकार इन आरोपों को बेबुनियाद बता रही है और चर्चा से बचने के आरोपों को खारिज कर रही है।