KNEWS DESK- यमन की राजधानी सना की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। 37 वर्षीय निमिषा, जो केरल की रहने वाली हैं, पर स्थानीय नागरिक तलाल महदी की हत्या और शव के टुकड़े करने का आरोप साबित हुआ है। अब, आठ साल की कानूनी लड़ाई और बार-बार की अपीलों के बावजूद, उनकी फांसी की तारीख तय हो चुकी है।
निमिषा प्रिया 2011 में रोजगार के लिए यमन गई थीं। वह पेशे से नर्स हैं और केरल के पलक्कड़ जिले से ताल्लुक रखती हैं। कुछ वर्षों तक अलग-अलग अस्पतालों में काम करने के बाद उन्होंने यमन के एक नागरिक तलाल महदी के साथ मिलकर सना में एक क्लीनिक खोला।
हालांकि, साझेदारी में दरार तब आई जब तलाल पर निमिषा ने शारीरिक शोषण और मारपीट का आरोप लगाया। तलाल को एक बार गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन रिहा होने के बाद उसने फिर से निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया, यहां तक कि उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया।
2017 में तलाल की अचानक नशीले इंजेक्शन की ओवरडोज से मौत हो गई। आरोप है कि निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए उसे नशीला इंजेक्शन दिया था, जिसकी मात्रा ज्यादा हो गई।
इसके बाद, निमिषा और उनके यमनी सहयोगी अब्दुल हनान पर शव को टुकड़े-टुकड़े कर पानी के टैंक में छिपाने का आरोप लगा। अगस्त 2017 में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया।
-
2018 में यमन की अदालत ने निमिषा को हत्या का दोषी करार दिया।
-
2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई, जबकि अब्दुल हनान को उम्रकैद मिली।
-
2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद और
-
2024 में राष्ट्रपति ने भी उनकी सजा माफ करने से इनकार कर दिया।
निमिषा की मां प्रेमा कुमारी और परिवार ने ब्लड मनी (दिया) के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन महदी के परिवार से कोई समझौता नहीं हो पाया। भारत सरकार ने भी राजनयिक हस्तक्षेप की कोशिश की, लेकिन यमन में हूती विद्रोहियों के नियंत्रण और भारत के साथ कोई औपचारिक संबंध नहीं होने के कारण प्रयास बाधित हुए। सना की जेल में बंद निमिषा प्रिया को 16 जुलाई 2025 को फांसी दी जाएगी। यह मामला ना सिर्फ भारतीय समुदाय में गहरी चिंता का विषय बन गया है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी राजनयिक जटिलताओं और मानवीय संवेदनाओं के टकराव की मिसाल बनता जा रहा है।
ये भी पढ़ें- बिहार बंदः राजद का साथ देने बिहार पहुंचे राहुल गांधी, तेजस्वी संग मिलकर करेंगे प्रदर्शन