डिजिटल डेस्क- जौनपुर के रायख्वाजा थाना क्षेत्र के हैदरपुर गांव निवासी हुसैन रजा वर्ष 2022 में अरबी और फारसी की धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए ईरान गए थे। तीन वर्षों के बाद भी वे अब तक भारत लौट नहीं पाए हैं। ईरान में जारी संकट और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के रद्द होने के कारण वे वहां फंसे हुए हैं। इसी प्रकार, शहर के बलुआ घाट मोहल्ला निवासी नफीस भी जियारत के लिए ईरान गए थे, लेकिन वहां की सभी उड़ानों के स्थगित होने के कारण वे भी वतन लौटने में असमर्थ हैं। उनका बेटा जीशान लगातार अपने पिता की सलामती को लेकर चिंतित है और सरकार से मदद की अपील कर रहा है। हुसैन रजा के पिता सिब्ते रजा नेत्रहीन हैं और बेहद कमजोर आर्थिक स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं।
ईरान के कुंभ शहर में फंसा है हुसैन रजा
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उनके बेटे को सुरक्षित भारत वापस लाने की व्यवस्था की जाए। हुसैन इस समय ईरान के कुंभ शहर में रह रहे हैं। उन्होंने मोबाइल फोन पर मीडिया से बातचीत में बताया, “यहां हालात बहुत खराब हैं। हर तरफ असुरक्षा का माहौल है। सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हैं, जिस कारण हम लौट नहीं पा रहे हैं। जैसे ही उड़ानें शुरू होंगी, हम वतन लौटना चाहेंगे।” पिता सिब्ते रजा ने कहा, “मैं देख नहीं सकता और आर्थिक रूप से भी काफी कमजोर हूं। हुसैन मेरी तीन बेटियों में अकेला बेटा है। उसकी सलामती की खबर मिलती है तो थोड़ी राहत मिलती है, लेकिन जब तक वह घर नहीं लौट आता, तब तक दिल को चैन नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी से की अपील
प्रधानमंत्री मोदी जी से मेरी अपील है कि मेरे बेटे को सुरक्षित भारत लाने की व्यवस्था करें।” परिवार के मुताबिक, हुसैन समय-समय पर फोन कर हालात की जानकारी देते रहते हैं, लेकिन वहां की खराब स्थिति को लेकर वे बेहद चिंतित हैं और जल्द वतन वापसी चाहते हैं। वहीं, शहर के मुफ्ती मोहल्ला निवासी जमीरुल हसन भी हाल ही में ईरान गए थे, लेकिन वे किसी तरह सकुशल लौट आए हैं। उन्होंने बताया कि, “ईरान की स्थिति वास्तव में बहुत खराब है। जो लोग वहां फंसे हैं, उनकी चिंता स्वाभाविक है। सरकार को चाहिए कि वे जल्द इन भारतीय नागरिकों की वापसी की व्यवस्था करें।”