KNEWS DESK- कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस शहर में आयोजित 51वें G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बहुप्रतीक्षित मुलाकात अब संभव नहीं हो पाएगी। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के कारण राष्ट्रपति ट्रंप ने सम्मेलन से समय से पहले लौटने का निर्णय लिया है।
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के अनुसार, ट्रंप ने मध्य-पूर्व में बिगड़ते हालात और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए G7 शिखर सम्मेलन से तत्काल प्रस्थान का फैसला लिया है। रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल द्वारा तेहरान में सरकारी प्रसारण केंद्र IRIB पर हवाई हमला किए जाने के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों को ईरान से तुरंत बाहर निकलने की चेतावनी दी है। इसके अलावा, राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक भी बुलाई है।
इस अप्रत्याशित कदम के चलते G7 में अमेरिकी भागीदारी पर भी असर पड़ा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अन्य देशों के साथ एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, जिसमें संघर्षविराम की अपील की गई थी। ट्रंप ने कहा कि “हम किसी भी प्रकार के सैन्य हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं कर सकते।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकों में व्यस्त हैं, अब ट्रंप के साथ प्रस्तावित बैठक नहीं कर पाएंगे। हालांकि, उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
G7 शिखर सम्मेलन पर राष्ट्रपति ट्रंप के समय से पहले प्रस्थान का सीधा असर पड़ा है। कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि यह घटनाक्रम एक बार फिर से यह दर्शाता है कि वैश्विक मंचों पर अमेरिकी प्राथमिकताएं किस हद तक घरेलू और सुरक्षा मुद्दों से प्रभावित होती हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ईरान-इजरायल तनाव के बीच अमेरिका किस तरह की रणनीति अपनाता है और इसका असर वैश्विक कूटनीति पर किस रूप में पड़ता है।
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