डिजिटल डेस्क- मणिपुर में फिर हिंसा भड़क हुई। इस भड़की हिंसा के चलते प्रदेश के 5 जिलों में कर्फ्यू लागू करते हुए अफवाह को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवा को ठप्प कर दिया गया। आपको बताते चलें कि यह कदम उग्रवादी मैतेई संगठन ‘अरमबाई टेंगोल’ के एक नेता और चार सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए उठाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बीएनएसएस की धारा 163 के तहत यह कर्फ्यू लागू किया गया है ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके
अपने ऊपर पेट्रोल डालकर जताया विरोध
जानकारी के अनुसार कुछ जगहों पर उग्र कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में खुद पर पेट्रोल डालने की भी कोशिश की। स्थानीय लोगों ने क्वाकेथेल में गोलियों की आवाजें सुनने की बात कही, हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि गोलीबारी किसने की और कोई घायल तो नहीं हुआ। मणिपुर में बिगड़ी स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पांच जिलों में केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों की बड़ी तैनाती की गई है। खासतौर पर इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों का नेतृत्व मौजूद है।
अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा हुई बंद
मणिपुर सरकार ने पांच जिलों में पांच दिनों के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा पर प्रतिबंध लगा दिया है। वीपीएन सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है ताकि सोशल मीडिया पर अफवाहों और भड़काऊ सामग्री के प्रसार को रोका जा सके। बिष्णुपुर में पूर्ण कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि अन्य जिलों में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी है। मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर इन प्रतिबंधों की पुष्टि की और नागरिकों से अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।
वर्ष 2023 में हुई हिंसा में हुई थीं 260 मौतें
मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है। यहां कुकी और मैतेई समुदाय के लोग आपस में लड़ रहे हैं। इसके चलते अब तक 260 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 60,000 से 70,000 लोग बेघर हुए हैं, जो फिलहाल राहत शिविरों में रह रहे हैं। इस दौरान 4786 घर जलाए जा चुके हैं और 386 धार्मिक स्थलों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। इसी हिंसा के बीच एक महिला को निर्वस्त्र करके घुमाने और सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने की घटना भी सामने आई थी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर के हालातों पर सभी ने चिंता जताई थी। दो साल बाद भी हालात ज्यादा नहीं बदले हैं।