चकबंदी विभाग का बड़ा कारनामाः मृतक किसान को जीवित बता जारी किया नोटिस

बागपत-  उत्तर प्रदेश के बागपत में चकबंदी विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां चकबंदी विभाग ने एक ऐसे किसान के नाम नोटिस जारी कर दिया, जिसकी मौत 17 साल पूर्व हो गई थी। नोटिस जारी होने के बाद अब चकबंदी विभाग कटघरे में खड़ा होता नजर आ रहा है, और सवालों के घेरे में है। दरअसल पूरा मामला बागपत के बामनोली गांव का है, जहां किसान रामपाल के नाम सरकार ने 5 बीघा भूमि का पट्टा आवंटित किया था। चकबंदी विभाग ने नदी श्रेणी की भूमि पर रामपाल को पट्टा आवंटित कर दिया था, लेकिन मालिकाना हक नहीं दिया। जिसको लेकर मेरठ कमिश्नरी में मुकदमा चलता रहा और वर्ष 2007 में किसान रामपाल की मौत हो गई। हालांकि रामपाल इस केस को जीत गया था। लेकिन उस भूमि पर भूमाफियाओं का कब्जा था, जिसे वह कब्जा मुक्त नहीं करा पाया। केस अदालत में चलता रहा और विभाग द्वारा 17 साल पूर्व मरे किसान के नाम भूमि खाली करने का नोटिस जारी कर दिया। जबकि उस भूमि पर उनका कब्जा था ही नहीं, मृतक रामपाल के पुत्र महेश पाल ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर, न्याय की गुहार लगाई है। कुल मिलाकर देखने वाली बात यह होगी कि, जिस किसान की 17 साल पहले मौत हो गई थी। चकबंदी विभाग ने उस व्यक्ति के नाम कैसे नोटिस जारी कर दिया। अब चकबंदी विभाग पर सवाल खड़े हो गए हैं।

चकबंदी विभाग द्वारा जारी नोटिस

पूर्व में भी जारी हो चुका है नोटिस

मृतक किसान के बेटे महेश पाल ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु 18 वर्ष पूर्व ही हो चुकी है। ऐसे में अधिकारियों की लापरवाही से उन्हें मानसिक और आर्थिक तनाव झेलना पड़ रहा है। पूर्व में भी चकबंदी विभाग के लापरवाह अधिकारियों ने इस तरह के नोटिस जारी किए है जबकि उन्हें अवगत करा दिया गया है कि उनके पिता की मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में बार-बार नोटिस जारी करने का क्या मतलब है। महेश पाल ने आगे बताया कि उन्हें जिलाधिकारी के यहां जाकर इसकी शिकायत की है और मांग की है कि इस तरह के अधिकारियों पर कार्रवाई करके अभी और पूर्व में जारी सभी नोटिसों को खारिज किया जाए।