KNEWS DESK – भारत ने सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ अब तक का सबसे कड़ा कदम उठाया है। ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पाकिस्तान को करारा जवाब देने के बाद अब भारत ने कूटनीतिक स्तर पर भी दबाव बढ़ा दिया है। विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है और यह तब तक लागू नहीं होगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के समर्थन से पूरी तरह से पीछे नहीं हटता।
विदेश मंत्रालय का बड़ा ऐलान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच सद्भावना और मित्रता की भावना से संपन्न हुई थी। लेकिन पाकिस्तान ने बार-बार आतंकवाद को शह देकर इस भावना का उल्लंघन किया है।”
उन्होंने कहा कि अब कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के फैसले के अनुसार, भारत ने संधि को स्थगित कर दिया है और यह तब तक लागू नहीं होगी जब तक पाकिस्तान अपने आतंकवादी एजेंडे को “विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से” त्याग नहीं देता।
आतंक का समर्थन छोड़ो
प्रवक्ता ने दो टूक कहा कि, “पाकिस्तान जैसे देश को लगता है कि वह औद्योगिक स्तर पर आतंकवाद फैलाकर उसके दुष्परिणामों से बच सकता है, तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल है। पाकिस्तान जितनी जल्दी इस सच्चाई को स्वीकार कर ले, उतना ही उसके लिए बेहतर होगा।” उन्होंने पाकिस्तान की ‘जीत के दावे’ को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “1971, 1975 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी उन्होंने यही किया था — हार के बाद भी ढोल बजाए। यह उनका पुराना रवैया है — परास्त हो जाओ लेकिन शोर मचाओ।”
अमेरिका के साथ सैन्य हालात पर चर्चा, व्यापार पर नहीं
रणधीर जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि 7 से 10 मई तक चले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका और भारत के नेताओं के बीच सैन्य हालात पर चर्चा हुई, लेकिन व्यापार का मुद्दा नहीं उठा। इससे यह स्पष्ट है कि भारत की प्राथमिकता फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई है।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत का यह स्पष्ट और दीर्घकालिक रुख है कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित कोई भी मुद्दा द्विपक्षीय रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच ही सुलझाया जाएगा। किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को भारत स्वीकार नहीं करेगा। साथ ही, उन्होंने यह भी दोहराया कि पाकिस्तान को पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) खाली करना ही होगा।