KNEWS DESK- संसद के शीतकालीन अधिवेशन के खत्म होने में अब केवल तीन दिन बाकी हैं, और इस बीच आज लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाते हुए सदन में विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
संविधान पर चर्चा के बाद विपक्ष का आक्रोश
आज की कार्यवाही में दोनों सदनों में संविधान पर एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अपने-अपने जवाब दिए। इस चर्चा के दौरान, विपक्षी दलों ने बाबा साहब अंबेडकर की उपलब्धियों और उनके योगदान को लेकर गंभीर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि उनके योगदान को कम करके आंका जा रहा है और उन्हें सम्मान नहीं दिया जा रहा है।
संसद में हुए इस हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई और सांसदों ने विरोध जताने के लिए जोरदार नारेबाजी की। विपक्ष का आरोप था कि सरकार द्वारा की गई कुछ टिप्पणियां और फैसले अंबेडकर के आदर्शों के खिलाफ हैं। इसके बाद, सदन में माहौल गर्म हो गया और अध्यक्ष को कार्यवाही स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा।
पीएम मोदी और अमित शाह ने दी संविधान पर अपनी राय
इससे पहले, संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारतीय संविधान हमारे लोकतंत्र की बुनियाद है और डॉ. अंबेडकर की भूमिका इस संविधान के निर्माण में अतुलनीय है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संविधान ने देश को समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे का संदेश दिया है, और यह सभी भारतीयों के लिए एक मजबूत नींव तैयार करता है।
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अपने भाषण में भारतीय संविधान की महानता पर जोर दिया और कहा कि अंबेडकर का योगदान भारतीय राजनीति और समाज के निर्माण में अनमोल है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार अंबेडकर की सोच और उनके दृष्टिकोण के प्रति पूरी तरह से सम्मानित है।
हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित
हालांकि, विपक्ष के विरोध और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। दोनों सदनों में हुए इस हंगामे ने शीतकालीन अधिवेशन के अंतिम दिनों में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आगामी दिनों में संसद में किस तरह के निर्णय लिए जाते हैं और विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सरकार की प्रतिक्रिया क्या होती है। संसद में बाबा साहब अंबेडकर के अपमान को लेकर हुए हंगामे ने शीतकालीन अधिवेशन के आखिरी दिनों में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। विपक्षी दलों ने अंबेडकर के योगदान के सम्मान के मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने संविधान के महत्व और डॉ. अंबेडकर की भूमिका पर जोर दिया। इस घटनाक्रम ने संसद की कार्यवाही को प्रभावित किया और आगामी दिनों में इस मुद्दे पर और बहस की संभावना बनी हुई है।
ये भी पढ़ें- ‘पुष्पा 2’ भगदड़ मामला: 8 साल के श्री तेज का हुआ ब्रेन डैमेज, अल्लू अर्जुन ने जताई संवेदना