KNEWS DESK, कई रियल एस्टेट कंपनियों और गौतम गंभीर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। जिस पर सेशन कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया था। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस आदेश पर रोक लगा दी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को सेशन कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें पूर्व क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट टीम के वर्तमान मुख्य कोच गौतम गंभीर समेत कई और लोगों को फ्लैट खरीदारों के साथ कथित धोखाधड़ी के मामले में आरोपों से बरी करने का आदेश दिया गया था। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने अंतरिम आदेश पारित किया और गंभीर की उस याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने सेशन कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें मामले में आरोपमुक्त करने वाले मजिस्ट्रेट न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया गया था। वहीं हाई कोर्ट ने कहा कि विस्तृत आदेश बाद में पारित किया जाएगा।
बता दें कि धोखाधड़ी का मामला रियल एस्टेट कंपनियों रुद्र बिल्डवेल रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, एच आर इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड, यू एम आर्किटेक्चर एंड कॉन्ट्रैक्टर्स लिमिटेड और गंभीर के खिलाफ दर्ज किया गया था। जो इन कंपनियों के ज्वाइंट वेंचर के डायरेक्टर और ब्रांड एंबेसडर थे।