KNEWS DESK- आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन पाकिस्तान में होना था, लेकिन अब इस टूर्नामेंट की मेज़बानी को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। अगर पाकिस्तान “हाईब्रिड मॉडल” को स्वीकार नहीं करता, तो आईसीसी इसे साउथ अफ्रीका में आयोजित करने पर विचार कर रही है। यह नया विकास क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
क्या है हाईब्रिड मॉडल?
हाईब्रिड मॉडल का मतलब है कि पाकिस्तान में सिर्फ कुछ मैच खेले जाएं, जबकि भारत और अन्य देशों के मैच मध्यस्थ स्थानों पर आयोजित किए जाएं। भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान की सरजमीं पर खेलने के लिए तैयार नहीं है, और यही वजह है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) हाईब्रिड मॉडल को अपनाने को लेकर अनिच्छुक है। भारत की यात्रा को लेकर सुरक्षा और राजनीतिक कारणों को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद रहा है, जिसके चलते बीसीसीआई ने इस मुद्दे पर कोई भी समझौता करने से इनकार कर दिया है।
आईसीसी का विचार: साउथ अफ्रीका हो सकता है नया मेज़बान
आईसीसी अब एक अन्य विकल्प पर विचार कर रही है, जो है साउथ अफ्रीका। साउथ अफ्रीका में 16 साल पहले, यानी 2009 में आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हुआ था। तब ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था। उस टूर्नामेंट के दौरान भारत ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गया था, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ उसे हार का सामना करना पड़ा था।
साउथ अफ्रीका में इस टूर्नामेंट के आयोजन का विचार न केवल एक पुराने अनुभव को पुनः जीवित करने जैसा होगा, बल्कि यह क्रिकेट के लिहाज से एक सुरक्षित और निष्पक्ष विकल्प भी हो सकता है, जहां सभी टीमें आसानी से यात्रा कर सकती हैं और मुकाबले उच्च स्तर पर हो सकते हैं।
भारत के बल्लेबाजों के लिए चुनौती
साउथ अफ्रीका की पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें पेश आती हैं। 2009 की चैंपियंस ट्रॉफी में भी भारतीय बल्लेबाज वहां की तेज और उछाल भरी पिचों पर संघर्ष करते नजर आए थे। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज बल्लेबाज भी खराब प्रदर्शन करने के लिए आलोचनाओं का शिकार हुए थे। धोनी सिर्फ 3 रन बना सके थे, जबकि सचिन तेंदुलकर को 2 मैचों में केवल 8 रन ही मिल सके थे। अगर आगामी चैंपियंस ट्रॉफी साउथ अफ्रीका में आयोजित होती है, तो भारतीय टीम को एक बार फिर से इन मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
पाकिस्तान को हो सकता है बड़ा नुकसान
अगर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान से साउथ अफ्रीका में शिफ्ट होती है, तो यह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका साबित हो सकता है। पाकिस्तान को टूर्नामेंट के मेज़बान देश के रूप में भारी वित्तीय लाभ होने की उम्मीद थी, लेकिन अगर यह आयोजन कहीं और होता है, तो पीसीबी को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, यह पाकिस्तान की क्रिकेट प्रतिष्ठा पर भी असर डाल सकता है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर पाकिस्तानी क्रिकेट को एक बार फिर से अलग-थलग कर दिया जाएगा।
आईसीसी की रणनीति
आईसीसी इस समय पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को हाईब्रिड मॉडल स्वीकार करने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है। अगर पाकिस्तान इस मॉडल को मानता है, तो चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन पाकिस्तान में हो सकता है, अन्यथा साउथ अफ्रीका को मेज़बान देश के रूप में चुना जा सकता है। आईसीसी के अधिकारियों ने इस मामले पर गहन विचार-विमर्श किया है और अगले कुछ हफ्तों में इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है। इस समय सभी की नजरें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और आईसीसी के बीच होने वाली बातचीत पर हैं, जिससे आगामी चैंपियंस ट्रॉफी के मेज़बान को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सके।
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