KNEWS DESK – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 नवंबर 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के वडताल में स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर के 200वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने भगवान स्वामीनारायण की कृपा और वडताल धाम की महान परंपराओं की सराहना की। पीएम मोदी ने समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि यह द्विशताब्दी समारोह सिर्फ एक ऐतिहासिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और समाज की अडिग ऊर्जा और चेतना का प्रतीक है।
समाज को एकजुट करने का संदेश
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने समारोह में अपने संबोधन में समाज को एकजुट करने का भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आजकल समाज को टुकड़ों में बांटने की साजिशें चल रही हैं और यह संकट हम सभी को मिलकर समझना होगा। उन्होंने कहा, “हमें इस संकट का मुकाबला मिलकर करना होगा। ऐसे प्रयासों को पराजित करना होगा जो हमारे समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “बड़े लक्ष्य कठिन तप से ही प्राप्त होते हैं, और हमारे सामने आज ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा।”
स्वामीनारायण की शिक्षाएं और सेवा का संदेश
पीएम मोदी ने श्री स्वामीनारायण के सेवा कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “भगवान स्वामीनारायण की परंपरा में सेवा के बिना कोई कार्य अधूरा होता है। आज लोग बढ़-चढ़कर सेवाकार्यों में योगदान दे रहे हैं। यह विशेष रूप से इस द्विशताब्दी समारोह में दिखाई दे रहा है, जहां देश और विदेश से हरि भक्त एकत्रित हो रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति के शाश्वत प्रवाह का प्रमाण है, जो आज भी जीवित और प्रासंगिक है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भगवान स्वामीनारायण की शिक्षाएं और उनके द्वारा स्थापित वडताल धाम की अध्यात्मिक चेतना आज भी हमारे बीच जीवित है।
‘विकसित भारत’ के लिए युवाओं को प्रेरित करने की आवश्यकता
प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान देशवासियों को ‘विकसित भारत’ के उद्देश्य से जोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यह द्विशताब्दी समारोह सिर्फ इतिहास की एक तारीख नहीं है, बल्कि यह समय है जब हमें भारतीय समाज को एक नए दृष्टिकोण से जोड़ने का अवसर मिला है। जैसा कि आजादी के आंदोलन के दौरान देशवासियों में एकता और संकल्प की भावना थी, उसी तरह हमें ‘विकसित भारत’ के लिए भी 140 करोड़ देशवासियों को हर दिन एकजुट करना होगा।”
उन्होंने विशेष रूप से युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि युवा राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। “हमारे युवा सशक्त, शिक्षित और कौशलयुक्त होंगे तो वे देश की सबसे बड़ी ताकत बनेंगे।”
लोकल फॉर वोकल और समाज की एकता पर जोर
पीएम मोदी ने ‘लोकल फॉर वोकल’ के सिद्धांत को भी आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें अपनी स्थानीय संस्कृति, संसाधनों और परंपराओं को सशक्त करना होगा, और यही ‘लोकल फॉर वोकल’ का संदेश है।” उनका मानना है कि इस दृष्टिकोण से न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि समाज की एकता और समृद्धि भी सुनिश्चित होगी।