KNEWS DESK- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानी आज कहा कि वह आप नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नई याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा, जिसमें आबकारी नीति घोटाला मामलों में उनकी जमानत याचिका को पुनर्जीवित करने की मांग की गई है।
4 जून को शीर्ष अदालत ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था। मनीष सिसोदिया के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि मामलों में जमानत की मांग करते हुए दायर की गई एक निपटाई गई याचिका को पुनर्जीवित करने के लिए एक आवेदन दायर किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि जांच एजेंसियों की ओर से पेश विधि अधिकारी ने पीठ को बताया था कि मुख्य आबकारी नीति घोटाला मामले और इससे जुड़े धन शोधन मामले में आरोप पत्र और अभियोजन शिकायत 3 जुलाई, 2024 को या उससे पहले दायर की जाएगी।
पीठ ने 4 जून को जमानत खारिज करते हुए कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से जुड़े मामलों में क्रमशः अपनी अंतिम अभियोजन शिकायत और आरोप पत्र दाखिल करने के बाद सिसोदिया जमानत के लिए अपनी याचिकाओं को फिर से शुरू कर सकते हैं।
अभियोजन शिकायत ईडी के आरोप पत्र के बराबर होती है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 30 अक्टूबर को मामलों में सिसोदिया की नियमित जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था, लेकिन परिस्थितियों में बदलाव होने या मुकदमे के लंबा खिंचने पर उन्हें राहत के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी थी।
शराब नीति मामले में कथित भूमिका के लिए सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने उन्हें 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से उपजे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। उन्होंने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
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