रिपोर्ट – सुभाष राणा
उत्तराखंड – नई टिहरी एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध परियोजना व कोटेश्वर बांध परियोजना में चल रहा है (पीएसपी ) पंप स्टोरेज प्लांट को चालू करने के लिए कई राज्यों व टिहरी जनपद के अधिकांश क्षेत्र में पीने के पानी का संकट हो जाएगा | इसके साथ ही गंगा की अविरल धारा रुक जाएगी | इसके लिए टिहरी बांध के अधिकारियों द्वारा भारत सरकार उत्तराखंड सरकार के साथ अन्य राज्यों से भी अनुमति ली गई है |
पीने का पानी सहित राज्यों में सिंचाई के लिए नहीं मिल पाएगी बिजली
आपको बता दें कि उत्तराखंड के टिहरी बांध से जून-जुलाई में डेढ़ महीने तक बिजली उत्पादन बंद रह सकता है। टीएचडीसी पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) योजना की दो यूनिटें चालू कराने के लिए एक जून से 15 जुलाई तक शटडाउन लेने जा रहा है| जिससे कहीं राज्यों सहित टिहरी जनपद में भी पीने का पानी सहित राज्यों में सिंचाई बिजली नहीं मिल पाएगी। साथ ही गंगा की अवरल धारा भी रुक जाएगी | हालांकि बांध परियोजना अधिकारियों का दावा है कि जनपद के कई क्षेत्रों में टैंकरों से पानी दिया जाएगा और वहां कार्यकारी संस्थाओं को बजट उपलब्ध कर रहे हैं, इसके लिए अब जिला प्रशासन और टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों के बीच इस संबंध में पेयजल संकट ना हो इसके लिए लगातार बैठक की जा रही है लेकिन पहले ही टिहरी जनपद पीने के पानी के संकट से जूझ रहा है और बांध परियोजना शटडाउन लेने जा रही है | ऐसे में पानी की समस्या एक विकराल रूप धारण कर सकती है |
भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार ने दी अनुमति
टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें शटडाउन लेने की अनुमति भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार ने दे दी है और एक जून 24 से शटडाउन कर देंगे साथ शटडाउन लेने से पावर जेनरेशन भी नहीं होगा कोटेश्वर में झील का पानी काफी कम हो चुका है, जिससे 4 पंपिंग योजना घंटा करण पंपिंग योजना, कोशियार पंपिंग योजना, सारजुला नई टिहरी पंपिंग योजना पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगी।
गंगा के जलस्तर में आएगी काफी कमी
टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों का कहना है कि पंप स्टोरेज प्लांट 1000 मेगावाट का है जिसमें परियोजना अब 250 – 250 मेगावाट की दो यूनिट तैयार कर रही है और इसके लिए शटडाउन लेना अति आवश्यक है | पंप स्टोरेज प्लांट की परियोजना जुलाई अगस्त तक काम करना शुरू कर देगी | सिविल कार्य किया जाना है जिससे पानी रोका जाएगा और लेवल कम हो जाएगा, जिसके लिए भारत सरकार की अनुमति उन्हें मिल चुकी है, वर्तमान में कोटेश्वर बांध का रिजर्वेवायर 600 मीटर है और 596 आर एल तक हो जाएगा | जिससे गंगा के जलस्तर में काफी कमी आएगी साथ ही इस पंप स्टोरेज प्लांट के तैयार हो जाने से रिवरस वाटर से बिजली उत्पादन में यहा देश का सबसे पहला प्रोजेक्ट होगा जो बनकर तैयार होगा।
धार्मिक स्थलों को भागीरथी के पानी को एक माह के लिए तरसना पड़ेगा
अब देखना होगा कि टिहरी बांध परियोजना के अधिकारी व जिला प्रशासन पीने के पानी लोगों को प्राप्त मात्रा में उपलब्ध कराता है या फिर लोग पीने के पानी के लिए तरसते रहेंगे तथा भागीरथी और अलकनंदा का संगम देवप्रयाग में होता है वहीं से निकली धारा गंगा नदी कहलाती है| भागीरथी नदी का पानी न पहुंचने से ऋषिकेश ,हरिद्वार ,वाराणसी, इलाहाबाद जैसे धार्मिक स्थलों को भागीरथी के पानी को एक माह के लिए तरसना पड़ेगा|