KNEWS DESK- दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है| लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने रविवार यानि आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया| कहा जा रहा है कि अरविंदर सिंह ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के साथ अनबन के चलते प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है|
अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र भी लिखा| उन्होंने लिखा कि ये पत्र में बहुत भारी दिल से लिख रहा हूं| मैं पार्टी में खुद को एकदम लाचार महसूस करता हूं| इसलिए अब दिल्ली के अध्यक्ष पद पर बना नहीं रह सकता| दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के लिए गए सभी सर्वसम्मत फैसलों पर एकतरफा दिल्ली के प्रभारी दीपक बाबरिया रोक लगा देते हैं| जब से मुझे दिल्ली का पार्टी चीफ बनाया गया है, तब से मुझे किसी को भी सीनियर पद पर नियुक्त करने की अनुमति नहीं है|
♦दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा#ArvinderSinghLovely #DelhiCongress pic.twitter.com/STFhToY0K6
— Knews (@Knewsindia) April 28, 2024
उन्होंने लिखा कि मैंने एक अनुभवी नेता को मीडिया प्रभारी के रूप में नियुक्ति के लिए अनुरोध किया लेकिन दिल्ली प्रभारी ने इसे ख़ारिज कर दिया| दिल्ली प्रभारी ने अब तक ब्लॉक प्रभारी नियुक्त करने की अनुमति भी नहीं दी है| इसके कारण ही अब तक दिल्ली के 150 ब्लॉक में प्रभारियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है| उन्होंने लिखा, दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी| इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में एएपी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया|
अरविंदर सिंह लवली ने आगे कहा- हालांकि हमने पार्टी के अंतिम फैसले का सम्मान किया| मैंने न केवल सार्वजनिक रूप से इस निर्णय का समर्थन किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि राज्य इकाई हाईकमान के अंतिम आदेश के मुताबिक ही काम करे| दिल्ली प्रभारी के निर्देश पर मैं अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी की रात सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ केजरीवाल के घर भी गया लेकिन इस मुद्दे पर मेरा मत बिल्कुल अलग था| दिल्ली में आप के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस को आम चुनाव में लड़ने के लिए 3 संसदीय सीटें मिलीं| ख़बरों के जरिये मुझे कम सीटें मिलने का पता चला तो मैंने पार्टी के हित में ये सुनिश्चित किया कि टिकट दूसरे सीनियर नेताओं को मिल सके| उन्होंने कहा- मैंने सार्वजनिक रूप से अपना नाम वापस ले लिया और संभावित उम्मीदवार के रूप में विचार किये जाने से इंकार कर दिया| इन 3 सीटों में से सभी पर्यवेक्षकों और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के विचारों को खारिज करते हुए, उत्तर- पश्चिम दिल्ली और उत्तर- पूर्वी दिल्ली की सीटें 2 उम्मीदवारों को दे दी गईं, जो दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की नीतियों के लिए पूरी तरह से अजनबी थे|