Knews Desk, उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य में दलबदल का खेल शुरू हो गया है। विपक्षी दलों के नेता एक के बाद एक भाजपा में शामिल हो रहे हैं। अबतक हजारों हजार विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। रविवार को भी उत्तराखंड कांग्रेस को दो बड़े झटके लगे हैं। दअरसल पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के स्टार प्रचारक दिनेश अग्रवाल और कांग्रेस के एआईसीसी के सदस्य और पूर्व राज्यमंत्री एसपी सिंह ने हाथ का साथ छोड़ कमल की सदस्यता ग्रहण कर देशभर में कमल खिलाने की कसम खा ली है। दोनों दिग्गज नेता अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए हैं। चुनाव से पहले एक के बाद एक कांग्रेस को लग रहे झटके पार्टी के शीर्ष नेताओं की चिंता को बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही चुनाव में कांग्रेस की जीत के सपने को भी तोड़ रही है। हांलाकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इनके जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा..भाजपा ईडी, सीबीआई का डर दिखाकर इन सभी को पार्टी में शामिल कर रही है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का दावा है कि अभी विपक्षी दलों के कई और नेताओं को भी पार्टी में शामिल कराया जाएगा। वहीं भाजपा में हजारो हजार विपक्षी दलों के नेताओं के शामिल होने से भाजपा में असंतोष बढ़ रहा है। जिसको देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अब प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से फिल्हाल विपक्ष के नेताओँ को शामिल ना करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि अबतक 15 हजार से ज्यादा नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं..उन्होने महेंद्र भट्ट से कहा है कि विपक्षी नेताओं को शामिल करने से पहले मानक तैयार किए जाए उसके बाद ही किसी को शामिल करें सवाल ये है कि क्या विपक्षी दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल कर भाजपा अपने ही कार्यकर्ताओं को कमजोर कर रही है। क्या भाजपा में असंतोष का ज्वालामुखी फटने की तरफ बढ़ रहा है .
देश के साथ ही उत्तराखंड में भाजपा का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। कांग्रेस के कई दिग्गज नेता हाथ का साथ छोड़कर कमल का दामन पकड़ रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के नेताओं की भाजपा में शामिल होने की बाढ़ सी आ गई है। अबतक कई हजार कार्यकर्ता और पदाधिकारी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेता भाजपा में शामिल होते ही पीएम मोदी और मुख्यमंत्री धामी की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। वहीं भाजपा में हजारो हजार विपक्षी दलों के नेताओं के शामिल होने से भाजपा में असंतोष बढ़ रहा है। जिसको देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अब प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से फिल्हाल विपक्ष के नेताओँ को शामिल ना करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि अबतक 15 हजार से ज्यादा नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं..किसी को भी शामिल कराने से पहले नेताओं की स्क्रिनिंग की जाए.
आपको बता दें कि उत्तराखंड भाजपा लोकसभा चुनाव के ऐलान के पहले से ही तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल करा रही है। उत्तराखंड कांग्रेस को लगने वाले झटकों की शुरुआत 28 जनवरी को पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत के त्यागपत्र के साथ हुई थी। इसके बाद मनीष खंडूड़ी,विधायक राजेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण, मालचंद, धन सिंह नेगी और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल जैसे दिगग्ज शामिल हैं। इसके बाद भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि ये तो अभी शुरूआत है आगे कई और दिग्गज नेताओं को भी पार्टी में शामिल कराया जाएगा.
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव के बीच उत्तराखंड में दलबदल की राजनीति तेज हो गई है। एक के बाद एक विपक्षी दलों के नेता भाजपा में शामिल हो रहे…जिससे विपक्ष कमजोर हो रहा है। हांलाकि बाहरी नेताओं को पार्टी में शामिल कराने से भाजपा के भीतर भी असंतोष बढता जा रहा है। कल तक जो विपक्षी नेता पीएम मोदी की नीतियों का विरोध कर रहा थे वो नेता आज अचानक पीएम मोदी की जमकर सराहना कर रहे है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या ये दबाव की राजनीति है। क्या भाजपा संगठन पर मुख्यमंत्री की अपील का असर पडेगा, क्या भाजपा दूसरे नेताओं को शामिल कराकर अपने संगठन को कमजोर नहीं कर रही है।