KNWSDESK- लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इस समय दो बडे़ गठबंधन हैं, एक इंडिया गठबंधन और दूसरा एनडीए दोनों ही अपने – अपने गठबंधन का विस्तार करने में लगे हैं। ये कह सकते हैं कि हर एक वोट जरूरी होता है। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं। इसकी वजह है कि राजस्थान में नागौर की सीट कांग्रेस ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आरएलपी को दे दिया है। यानी गठबंधन हो गया है। ऐसी अटकलें लग रही हैं।
हनुमाल बेनीवाल ने धन्यवाद करते हुए लिखा कि इसके लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी परिवार की तरफ से कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्षा सोनिया गांधी व कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सहित प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं व प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी का बहुत-बहुत धन्यवाद।
ऐसा बताया जा रहा है। हनुमान बेनीवाल की पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन प्रभाव मारवाड़ में पड़ सकता है, जिसमें बड़मेर से जैसलमेर और सीकट , पाली , बीकानेर जोधपुर की सीट पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा काग्रेस के दिग्गज नेताओं में भारी नाराजगी है। इस कतार में हेमाराम चौधरी दिव्या मदेरणा हरीश चौधरी आदि शामिल हैं।
ये थी स्थिति
अब आरएलपी की स्थिति के बारे में बताते हैं। विधानसभा चुनाव में आरएलपी ने आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था। राजस्थान की कुल 126 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करे थे। आरएलपी ने 78 उम्मीदवार को उतारा था। वहीं आजाद समाज पार्टी ने प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन एक ही सीट पर जीत मिल पाई थी। हनुमान बनीवाल की पार्टी का अंतर देखें तो बाड़मेंर की बयतु सीट पर आरएलपी प्रत्याशी को 900 वोट से हार का सामना करना पड़ा था। पूरे राजस्थान की बता करें तो इनकी पार्टी को कुल 2.39 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। हालांकि एक सीट ही जीत पाई लेकिन वोट 9,46,203 मिले थे।