KNEWS DESK- टीएमसी ने मंगलवार यानी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में लोकसभा चुनाव कराने की मांग की। टीएमसी ने कहा कि चुनाव आयोग केंद्र की बीजेपी सरकार के इशारे पर काम कर रहा है।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन के ‘एक्स’ पर पोस्ट में मांग करने के बाद, राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत के लोग अपने सबसे अहम संवैधानिक अधिकार, यानी मतदान का अधिकार, स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से करें। हमें आशंका है कि चुनाव आयोग ये माहौल मुहैया नहीं करा सकता। इसलिए हम 2024 में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चुनाव की मांग करते हैं।”
टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि जहां पीएम और गृह मंत्री चुनाव आयुक्त का चयन कर सकते हैं, चुनाव आयोग बीजेपी शासित केंद्र के इशारे पर काम कर रहा है और उनका कार्यालय बन गया है। टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने ये भी दावा किया कि नवनिर्वाचित चुनाव आयोग केंद्र के निर्देशानुसार बंगाल सरकार को परेशान करने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले ओ’ब्रायन ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि बीजेपी की गंदी चालें भारत के चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं को बर्बाद कर रही हैं।
टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि ये हमारी पार्टी का रुख है क्योंकि हमारा मानना है कि 1952 में पहले चुनाव के बाद से भारत के लोगों ने कभी भी चुनाव आयोग या उसके कार्यालय को केंद्र में सत्तारूढ़ दल के इशारे पर काम करते नहीं देखा है। हमने ये पहली बार देखा है कि एक विधेयक से चुनाव आयोग का गठन बदल दिया गया। प्रधानमंत्री और उनके गृह मंत्री चुनाव आयोग के सदस्यों का चुनाव करने के लिए एक साथ बैठे। भारत के चुनाव आयोग ने उनके (प्रधानमंत्री) मास्टर की आवाज के रूप में काम करना शुरू कर दिया है और उनका कार्यालय बीजेपी का पार्टी कार्यालय बन गया है। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, ये उनके उठाए गए कदम के कारण है। तीन साल से राज्य के डीजीपी नहीं थे, मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए कहा कि अगर कोई भी अधिकारी पद पर है, तीन साल से अधिक समय तक बदला जा सकता है। ये हमारे राज्य के लिए लागू नहीं था। सिर्फ सरकार को परेशान करने के लिए उन्होंने ऐसा किया है। हमें आशंका है कि आने वाले दिनों में भारतीय चुनाव आयोग और कई और कदम उठाएगा। हम चाहते हैं कि भारत के लोग स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक अधिकारों, यानी मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करें। हमें आशंका है कि चुनाव आयोग ये माहौल मुहैया नहीं करा सकता।इसलिए हम 2024 में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चुनाव की मांग करते हैं।
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