KNEWS DESK- केंद्र सरकार ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए लागू कर दिया। मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ केरल के तिरुवनंतपुरम में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कई कार्यकर्ताओं ने सोमवार रात राजभवन तक विरोध मार्च निकाला।
राजभवन के अंदर घुसने के लिए प्रदर्शनकारियों ने बैरीकेड्स को पार करने की कोशिश की। पुलिस ने गुस्साई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। एसडीपीआई के जिला महासचिव शाबर अहमद ने कहा, ”जिस हालात की वजह से ये विरोध प्रदर्शन हुआ, वो देश भर में सीएए को लागू करना है। वे संघ परिवार के नेतृत्व में सीएए का कानून थोप रहे हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के रवैये को देखने के बाद, हमने ये विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है। हम सभी जानते हैं कि ये देश किसी विशेष समुदाय या धर्म का नहीं है। ये हर किसी का है।”
विवादास्पद कानून को पारित किए जाने के चार साल बाद केंद्र के इस कदम की वजह से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सीएए के नियम जारी हो जाने के साथ ही अब केंद्र की मोदी सरकार तीनों देशों के अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देगी।
सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था। बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में हुए विरोध प्रदर्शन की वजह से इस लागू नहीं किया गया था।
एसडीपीआई जिला महासचिव शाबर अहमद ने कहा कि जिस हालात की वजह से ये विरोध प्रदर्शन हुआ, वो देश भर में सीएए को लागू करना है। वे संघ परिवार के नेतृत्व में सीएए का कानून थोप रहे हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के रवैये को देखने के बाद, हमने ये विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है। हम सभी जानते हैं कि ये देश किसी विशेष समुदाय या धर्म का नहीं है। ये हर किसी का है।
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