कैबिनेट में पास, यूसीसी ड्राफ्ट !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा एक के बाद एक अपने बड़े दांव चल रही है। राम मंदिर में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रही कसर अब यूसीसी की भी पूरी होने जा रही है….उत्तराखंड राज्य पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जहां यूसीसी लागू होगा…धामी सरकार यूसीसी के विधेयक को 5 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के विशेष सत्र में लाने जा रही है। बताया जा रहा है कि 6 फरवरी को सरकार यूसीसी के विधेयक को सदन में पेश करेगी…समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। सूत्रों के मुताबिक समिति ने तलाकतलाक के बाद भरण पोषण और बच्चों को गोद लेने के लिए सभी धर्मों के लिए एक कानून की सिफारिश की है। वहीं सभी धर्मों में लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा बहुपत्नी प्रथा समाप्त कर एक पति पत्नी का नियम सभी पर लागू करने पर समिति ने जोर दिया है। बताया जा रहा है कि राज्य की जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। उधरसमिति से ड्राफ्ट मिलने के बाद राज्य में इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने चुनाव से ठीक पहले यूसीसी को लेकर हो रही कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि यूसीसी का ड्राफ्ट सार्वजनिक किया जाए..प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के मुताबिक केंद्र सरकार की नाकामी को छिपाने के साथ ही चुनाव में इसका राजनीतिक लाभ लेने के लिए सरकार राज्य में यूसीसी लाने की तैयारी कर रही है। वहीं सत्तापक्ष का कहना है कि सरकार जनता से किए वादे को ही पूरा कर रही है….

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने राममंदिर के बाद समान नागरिक संहिता का तीर भी चल दिया है। भाजपा को जहां इस तीर के निशाने पर लगने की उम्मीद हैवहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस मुद्दे को चुनावी हथियार बनने से रोकने का प्रयास कर रही है। आपको बता दें कि धामी सरकार की ओर से गठित विशेषज्ञ कमेटी ने यूसीसी का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। बताया जा रहा है कि यूसीसी में महिलाओं को बराबरी का हक देने की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही बहुविवाह पर रोक,तलाक के बाद भरण पोषण और बच्चों को गोद लेने के लिए सभी धर्मों के लिए एक कानून की सिफारिश की है। वहीं सभी धर्मों में लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है। वहीं मुख्यमंत्री का कहना है कि यूसीसी के लिए ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। किसी को टारगेट करना सरकार का उद्देश्य नहीं है। सरकार चुनाव में जनता से किए वादे को ही पूरा कर रही है

 

आपको बता दें कि यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सरकार ने 27 मई2022 को सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति ने देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए लोगों से सुझाव लिएइस दौरान कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रमों और वेब पोर्टल के जरिए समिति के पास 2 लाख 32 हजार सुझाव आए जिसके बाद इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार की जिसमें चार खंड और कुल 740 पेज है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने समिति के द्वारा लाखो सुझाव के दावे को हवा हवाई बताया है। साथ ही अन्य विपक्षी दलों ने भी इस पर सवाल खड़े किए हैं

 

 कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने राममंदिर के बाद समान नागरिक संहिता का तीर भी चल दिया है। भाजपा को जहां इस तीर के निशाने पर लगने की उम्मीद हैवहीं कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इसे भाजपा का चुनावी ऐजेंडा बता रहे हैं ऐसे में देखना होगा कि क्या यूसीसी के लागू होने के बाद महिलाओं की स्थिति में क्या कुछ सुधार देखने को मिलता है

 

 

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