वाराणसी के मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट पर अब शवों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, 10 दिसंबर से लागू होगी नई प्रणाली

डिजिटल डेस्क- वाराणसी में अब अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को कुछ नई प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। नगर निगम ने निर्णय लिया है कि शहर के दो प्रमुख अंत्येष्टि स्थलों मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट पर आने वाले शवों का विधिवत रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। यह व्यवस्था 10 दिसंबर से लागू होने जा रही है, जिसके तहत मृतक और सूचना देने वाले व्यक्ति दोनों की पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी। नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि कार्यकारिणी समिति की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि काशी के इन दो प्रमुख घाटों पर प्रतिदिन भारी संख्या में देश-विदेश से लोग अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। इसलिए अब नगर निगम पूरे डेटा को अपने पास सुरक्षित रखेगा, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कौन-कौन से राज्यों या देशों से लोग यहां आते हैं और किस अवधि में अंत्येष्टियों की संख्या अधिक होती है।

मृतक की देनी होगी जानकारी

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के तहत मृतक का नाम, पता, मृत्यु का स्थान, मृत्यु की तारीख और अंत्येष्टि की तिथि जैसी जानकारियां दर्ज की जाएंगी। इसके अलावा सूचना देने वाले व्यक्ति, परिजन या प्रतिनिधि की पहचान भी सुरक्षित रखी जाएगी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस रजिस्ट्रेशन का किसी तरह का वैधानिक या मृत्यु प्रमाण पत्र से संबंध नहीं होगा। यह सिर्फ सांख्यिकीय और प्रशासनिक उद्देश्य से किया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत घाटों पर होने वाली हर अंत्येष्टि की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। अगर परिजन चाहें तो वे एक सप्ताह के अंदर नगर निगम से उस वीडियोग्राफी की प्रति प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए सात दिनों के भीतर आवेदन करना अनिवार्य होगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कैमरे और कैमरामैन इस कार्य के लिए उपलब्ध रहेंगे।

लकड़ी स्टॉक को लेकर भी जारी निर्देश

इसके साथ ही मणिकर्णिका, हरिश्चन्द्र और सराय मोहाना घाट पर लकड़ी के स्टॉक को लेकर भी नया निर्देश जारी किया गया है। अब 10 दिनों से अधिक लकड़ी घाट पर नहीं रखी जा सकेगी और अधिकतम स्टॉक भी व्यवस्थित रूप से रखना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य अतिक्रमण रोकना और घाटों पर स्वच्छता व सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *