डिजिटल डेस्क- जनपद ललितपुर के बिरधा ब्लॉक के ग्राम निबहुआ में एक स्कूल में मध्यान भोजन के दौरान हुई छात्रा-छात्रों से अभद्रता की घटना ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। मामला उच्च प्राथमिक विद्यालय का है, जहां एक बच्चे ने अतिरिक्त रोटी मांग ली थी। साधारण जरूरत की इस मांग का जवाब प्रधानाचार्य ने बेरहमी से मारपीट करके दिया। घटना के दौरान बच्चे की भूख ने उसकी मासूमियत को उजागर किया, लेकिन प्रधानाचार्य की प्रतिक्रिया ने बच्चों के प्रति संवेदनाओं की अनुपस्थिति को दिखा दिया। मारपीट की जानकारी मिलने पर बच्चे के अभिभावक विद्यालय पहुंचे और प्रधानाचार्य से इसका विरोध किया। इस दौरान प्रधानाचार्य ने न केवल अभिभावकों के साथ अभद्र व्यवहार किया, बल्कि ग्रामीणों के साथ भी अनुचित व्यवहार किया। ग्रामीणों ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वीडियो वायरल होने के बाद किए गए निलंबित
वायरल वीडियो ने प्रशासन की नींद खोली। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (डीबीईओ) रणवीर प्रसाद ने तुरंत संज्ञान लिया और प्रधानाचार्य को तत्काल निलंबित कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं शिक्षा और बच्चों के अधिकारों के खिलाफ हैं। हालांकि निलंबन से मामला समाप्त नहीं हुआ है। इस घटना ने स्कूलों में चल रही व्यवस्था की कमियों को उजागर कर दिया है। बच्चों के लिए बनाए गए मध्यान भोजन और सुरक्षित शिक्षा के वातावरण को सुनिश्चित करने के बावजूद, स्कूल प्रशासन में संवेदनाओं की कमी और बच्चों के प्रति अनादर की मानसिकता सामने आई है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि रोटी मांगना अपराध नहीं, बल्कि बच्चों का मूल अधिकार है। जब कोई बच्चा अपनी भूख मिटाने के लिए साधारण मांग करता है और उस पर मारपीट होती है, तो यह व्यवस्था की विफलता और बच्चों के प्रति अपमान है। यह मामला परिषदीय विद्यालयों में चल रही अनियमितताओं और शिक्षक-प्रशासन के रवैये पर भी सवाल खड़ा करता है। अधिकारियों ने कहा कि प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी केवल शिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों की देखभाल, संवेदनशीलता और उनके अधिकारों का सम्मान करना भी उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस घटना ने पूरे जिले में शिक्षा और बच्चों के अधिकारों के प्रति लोगों की संवेदनशीलता बढ़ा दी है।